ईडी की ओर से दाखिल प्रोसिक्यूशन कंप्लेन (पीसी) पर कोर्ट ने संज्ञान ले लिया है। दरअसल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ईडी ने टेंडर घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पिछली गुरुवार (चार जुलाई) को एक सौ अधिक पन्नों का पीसी दाखिल किया था। जिसमें ईडी ने रांची के पीएमएलए कोर्ट में झारखंड सरकार के पूर्व जल संसाधन मंत्री आलमगीर, उनके तात्कालिक ओएसडी संजीव लाल और नौकर जहांगीर आलम के खिलाफ टेंडर घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के बारे में जानकारी दी है। एक सौ से अधिक पन्नों में विभाग के हजारों करोड़ टेंडर घोटाले का खेल और इसमें किसकी क्या भूमिका है, इससे कोर्ट को अवगत कराया है। साथ ही यह भी जानकारी दी कि इस केस में सचिव रैंक के आईएएस अधिकारी मनीष रंजन से पूछताछ भी की गयी थी। जिसमें अहम जानकारी को कोर्ट से साझा किया गया है। इन्हीं, तमाम जानकारी के मद्देनजर ईडी ने पीसी के माध्यम से पीएमएलए कोर्ट के समक्ष दस्तावेजों को प्रोड्यूस किया था।
बता दें कि ईडी ने पूर्व मंत्री आलमगीर आलम को पीएस संजीव लाल के ठिकानों से मिले 32 करोड़ 20 लाख रुपये कैश मामले में पूछताछ के लिए समन किया था। ईडी ने इस जांच में कई गड़बड़ियां पकड़ी हैं। जिसमें टेंडर मैनेज करने से लेकर कमीशन तक के खेल में मंत्री आलमगीर आलम की संलिप्तता बताई गयी है। जिसको लेकर ईडी ने 14 मई को तरीबन नौ घंटे की पूछताछ के बाद फिर से दूसरे दिन 15 मई को उन्हें बुलाया था।। जिसके बाद ईडी ने 15 मई की देर शाम आलमगीर आलम से पूछताछ के दौरान ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। इसी केस में ईडी ने पूर्व मंत्री आलमगीर आलम से 14 दिनों तक रिमांंड में लेकर पूछताछ कर चुकी है। जिसके बाद तब से आलमगीर आलम न्यायिक हिरासत में होटवार जेल में बंद हैं।