भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी एक बार फिर विवादों में आ गये हैं। इस पूरे मामले को देखते हुये बोर्ड जांच कर रही हैं। अगर इस मामले में महेंद्र सिंह धोनी दोषी पाये जाते है, तो उनके खिलाफ कानून समत कार्रवाई होगी। दरअसल झारखंड राज्य आवास बोर्ड इस पूरे मामले पर जल्द ही हरमू स्थित उनके आवास को लेकर पूछताछ कर सकती हैं। जिसको लेकर बोर्ड नोटिस भेजने की तैयारी कर रही हैं। यह पूरा मामला महेंद्र सिंह धोनी के हरमू वाले आवास पर न्युबर्ग बोर्ड लगने के बाद से शुरु हुआ हैं। वहीं, न्युबर्ग बोर्ड को फिलहाल हरे रंग के पर्दे से ढंक दिया गया हैं।
आवास बोर्ड के अध्यक्ष संजय लाल पासवान ने कहा कि महेंद्र सिंह धोनी को आवास बनाने के लिए जमीन आवंटित किया गया था। जिसका उपयोग आवास के लिए ही किया जा सकता हैं। बोर्ड के जमीन पर किसी भी प्रकार का व्यवसाय कार्य नहीं किये जा सके हैं। मेरे संज्ञान में मामला आने के बाद हमने बोर्ड के कर्मचारियों को जांच के लिए कहा दिया हैं। जिसमें हर पहलू को देखा जा रहा हैं।
हालांकि इससे पहले भी बोर्ड ने व्यावसायिक गतिविधि संचालित करने वाले लगभग तीन सौ लोगों के खिलाफ नोटिस जारी की हैं। साथ ही बोर्ड के एमडी और सचिव को निर्देशित किया गया है कि आवास बोर्ड के जिन प्लॉटों या आवासों में व्यावसायिक गतिविधि संचालित की जा रही है, जांच कर उनका आवंटन रद्द करने की प्रक्रिया को शुरु कर दी जाये। वहीं, महेंद्र सिंह धोनी मामले से पहले भाजपा कार्यलय को लेकर भी झारखंड राज्य आवास बोर्ड नोटिस जारी कर चुकी हैं।
ज्ञात हो कि झारखंड सरकार 2009 में इंडियन क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को मैच में बेहतर प्रदर्शन करने पर हरमू में पांच कट्ठा आवासीय भूखंड गिफ्ट किया था। जिस पर धोनी ने आलीशान मकान बनाया हैं। कई वर्षों तक अपने माता-पिता के साथ वे इसी आवास पर रहे। लेकिन अब धोनी सिमलिया स्थित अपने निजी फार्म हाउस में रह रहे हैं। जानकारी के अनुसार हरमू स्थित महेंद्र सिंह धौनी के आवास पर लैब खोलने की तैयारी की जा रही है। जिसको लेकर न्युबर्ग सुप्राटेक (पैथोलॉजी सेंटर) लैब का बोर्ड लगाया गया हैं। जिसके बाद से ही पूरा मामला विवादों में आ गया हैं।