वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकारी बैंकों को प्राथमिकता वाले क्षेत्रो के ऋण लक्ष्य हासिल करने की दिशा में काम करने के साथ ही जमा बढ़ाने पर जोर दिया। इसके साथ ही उन्हेंने सेवाओं को सरल बनाकर ग्राहक सुरक्षा पर केन्द्रित पहल करने के लिए कहा। वित्त मंत्री ने सरकारी बैंकों के वित्त वर्ष 2022-23 के प्रदर्शन की समीक्षा के दौरान गुरुवार को ये बातें कही। इस दौरान बैंकों के दोहरे बैलेंस सीट के साथ ही विभिन्न पैरामीटर के अनुरूप वित्तीय स्वास्थ्य पर चर्चा की गयी। जिसमें ऋण उठाव, लाभ, संपदा गुणवत्ता, पूंजी अनुपात समेत अन्य शामिल है। वही सरकारी बैंकों में मार्च 2023 में सकल एनपीए 4.97 प्रतिशत और शुद्ध एनपीए 1.24 प्रतिशत समेत अन्य मुद्दों पर मंथन किया गया। जिसके बाद वित्त वर्ष 2022-23 में बैंकों ने 1.05 लाख करोड़ रुपये का लाभ की जानकारी साझा की । वित्त मंत्री ने बैकों को जोखिम प्रबंधन के नियामकीय फ्रेमवर्क को पालन करने और कारोबारी आधार के विविधीकरण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बैंकोें को प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के लिए ऋण उठाव के लक्ष्य को हासिल करना चाहिए। छोटे और मझौले किसानों के साथ बड़े उद्योग की वित्तीय जरूरतें भी पूरी की जानी चाहिए।
वित्त मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में वित्त राज्य मंत्री भगवत किशनराव कराड, वित्त सचिव एवं व्यय सचिव टीवी सोमनाथ, वित्तीय सेवाओं के सचिव विवेक जौहरी, दिपम सचिव तुहीनकांत पांडेय, सार्वजनिक उपक्रम सचिव अली रजा रिजवी, कंपनी मामलों के सचिव मनोज गोहिल, राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा, आवास एवं शहरी मामलों के सचिव मनोज जोशी और मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अंतत नागेश्वरन, भारतीय स्टेट बैंक के अध्यक्ष दिनेश खेरा और विभिन्न सरकारी बैंकों के प्रबंध निदेशक सहित सीईओ मौजूद थे।