उत्तराखंड के नैनीताल जिले के हल्द्वानी में फैली हिंसा की वजह से माहौल तनावपूर्ण है। हल्द्वानी के बनभूलपुरा में गुरुवार शाम को अतिक्रमण हटाने को लेकर जमकर बवाल हुआ। हल्द्वानी के बनभूलपुरा में उपद्रव के दौरान कई वाहनों को जलाया और तोड़फोड़ की गयी। इस दौरान पुलिस कर्मी और निगम कर्मी समेत आम लोग हिंसा के शिकार हुए।
नैनीताल डीएम वंदना सिंह ने हल्द्वानी हिंसा पर बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद ही हल्द्वानी के अलग-अलग हिस्सों में अतिक्रमण हटाने के लिए एक्शन लिया गया। हिंसा की वजह से शहर में कर्फ्यू लगाया गया है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती भी की गई है। जिले में मिश्रित आबादी वाले थाना क्षेत्रों में संवेदनशील जगहों पर गश्त बढ़ा दी गई है। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार बनभूलपुरा में पुलिस कथित रूप से गैर कानूनी तरीके से बने एक मदरसे को तोड़ने के लिए पहुंची थी। इसी दौरान स्थानीय लोगों ने आगजनी शुरू कर दी और पत्थर फेंके। वही, ध्वस्तीकरण वाले नोटिस पर रोक लगाने संबंधी याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई 14 फरवरी किया जाना है।
तंग गलियों को समझने में हुई चूक, टीम बिना सर्वे के पहुंचे खाली कराने
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मलिक का बगीचा में बने अवैध मदरसे और धर्म स्थल को तोड़ने के लिए नगर निगम, प्रशासन और पुलिस की टीम क्षेत्र में बिना हवाई सर्वे किए हुए पहुंची। दरअसल इस मामले में चार फरवरी के विरोध किया गया था। इसके बावजूद इलाके में सरकारी जमीन पर मलिक का बगीचा क्षेत्र में अवैध कब्जा ढहाने की पुलिस व प्रशासन ने योजना बना ली। लेकिन इलाके की तंग गलियों को समझने में चूक हो गई। यही भूल हो गयी और आत्मघाती साबित हुआ। यही नहीं क्षेत्र में अतिक्रमण वाली जगह के चारों ओर बस्ती बसी हुई है। इस आकलन को भी टीम समझ नहीं पाई। इस इलाके में दो से तीन मंजिला मकान बने हुए हैं। जिनकी गिनती हजारों में है। बवाल होने पर पुलिस-प्रशासन टीम पर सामने से उपद्रवियों के पथराव करते ही छतों से पत्थर चलाने लगे। जिसके बाद पूरा माहौल हिंसा में बदल गया।