गुजरात के राजकोट जिले के कालावड में टीआरपी गेम जोन में भयंकर आग लग गई। जिसमें तकरीब 33 लोग जलकर मर गये। धधकते आग पर काबू पा लिया गया है। जिसके बाद अधिक से अधिक डेड बॉडी को निकालने की कोशिश की जा रही थी। खबर लिखे जाने तक 33 से अधिक लाशों को निकाला जा चुका है। वहीं, गेमिंग जोन के मालिक का नाम युवराज सिंह सोलंकी है।
पुलिस हर बिंदु पर गहराई से तहकीकात कर रही है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गर्मी की छुट्टियां के चलते अधिक संख्या में टीआरपी गेम जोन में बच्चों के साथ उनके परिजन और अन्य लोग मौजूद थे। वहीं, गुजरात सीएम भूपेंद्र पटेल ने पूरे मामले को बेहद गंभीरता से लिया है। वहीं, झुलसे लोगों को बेहतर इलाज को लेकर खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गुजरात के राजकोट में शनिवार शाम पांच बजे सयाजी होटल के पीछे बने टीआरपी मॉल के गेमिंग जोन में आग लग गयी। जिसमें अब तक हादसे में 33 लोगों की जान जा चुकी है। गेमिंग जोन में जिस समय यह घटना हुई, उस वक्त बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। वीकेंड पर कई परिवार अपने बच्चों के साथ मॉल के गेम जोन में पहुंचे थे।
जिसके बाद गेमिंग जोन में अचानक आग लगने से अफरा-तफरी मच गयी। इस दौरान लोगों के फंसे होने के वजह से राहत कार्य रविवार की सुबह तक चलती रही। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गेम जोन में आग लगने से अब तक मरने वालों में बच्चों की संख्या अधिक है। अधिकारियों की माने तो हादसे में हताहत लोगों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है। वहीं राजकोट के सभी गेमिंग जोन के संचालन पर फिलहाल रोक लगा दी गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शनिवार होने की वजह से स्कीम चलाई गयी थी। गेमिंग जोन में 99 रुपये की टिकट वाली स्कीम का लाभ उठाने को लेकर भी कई लोग मौजूद थे। अबतक आग लगने का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है, लेकिन शुरुआती जांच में शॉर्ट सर्किट वजह बतायी जा रही है। जानकारी के अनुसार गेमिंग जोन संचालक की लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ है। जिसके बाद गुजरात पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इस मामले में अबतक चार लोगों को हिरासत में ले लिया है। इसमें टीआरपी गेम जोन के मालिक युवराज सिंह सोलंकी, उनका पार्टनर प्रकाश जैन, मैनेजर नितिन जैन और एक अन्य शख्स राहुल राठौड़ का नाम शामिल हैं।
गेम जोन में ज्वलनशील पदार्थ, फायर एनओसी भी नहीं थे
सूत्रों के अनुसार, टीआरपी गेमिंग जोन में बड़ी मात्रा में ज्वलनशील पदार्थ रखे हुए थे। जहां उनके पास फायर एनओसी भी उपलब्ध नहीं थी। रिपोर्ट के अनुसार, जोन में प्रवेश और निकासी के लिए केवल एक ही गेट था। जिसके वजह से लोगों की मौत व अधिक संख्या में आग की लपटों में झुलस कर घायल हुए है। उन्हें बाहर निकलने का मौका तक नहीं मिला।
सरकारी मुआवजा की हुई घोषणा
राज्य सरकार मृतकों के परिवारों को चार लाख एवं घायलों को 50 हजार मुआवजा देने की घोषणा की है। गेम जोन अग्निकांड के मद्देनजर एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। जिसको पूरे मामले की जांच करेगी। एसआईटी टीम में पांच अफसरों को शामिल किया गया है। जिसका वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सुभाष त्रिवेदी की अगुवाई करेगे।
शोक की लहर, राष्ट्रपति समते अन्य राजनीतिक दलों ने जताया दुख
गेम जोन अग्निकांड पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गहरा दुख जताया है। वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत अन्य नेताओं ने भी घटना पर दुख जाहिर की है। वहीं, पीएम ने राहत और बचाव काम के बारे में जानने के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से बातचीत की है। इसके साथ ही हर संभव सहयोग का आश्वासन भी दिया है।