सिविल कोर्ट रांची के वकीलों के साथ उनके मुवक्किलों के लिए अच्छी खबर है। झारखंड हाईकोर्ट की तरह सिविल कोर्ट के हर जजमेंट और आदेश पोर्टल में अपलोड करने का काम प्रारंभ हो गया है। इससे वकीलों में खुशी का माहौल है। इसकी शुरूआत सिविल कोर्ट के प्रधान न्यायायुक्त दिवाकर पांडेय के आने के बाद संभव हो सकी है। पूर्व में सिर्फ कुछ कोर्ट के जजमेंट और आदेश ही पोर्टल में दिखते थे। लेकिन दिवाकर पांडेय के योगदान के बाद से इस सेवा में तेजी लगी गयी है। अब ई-कोर्ट सर्विस पोर्टल में प्रत्येक कोर्ट के जजमेंट और आदेश अपलोड किये जा रहे हैं। न्यायायुक्त दिवाकर पांडेय की अदालत से जितने जजमेंट और आदेश हो रहे, उन सभी को ऑनलाइन सिर्फ एक क्लिक कर देखा जा सकता है।
यह पहला मौका है जब किसी न्यायायुक्त की अदालत से पास हर आदेश को ऑनलाइन देखा जा सकता है। न्यायायुक्त की इस मिसाल को देख सिविल कोर्ट के अन्य अदालतों से होनेवाले फैसले और आदेश अपलोड किए जा रहे हैं। इस सेवा की शुरूआत होने से वकीलों और मुवक्किलों दोनों को कोर्ट के चक्कर लगाने से लगभग मुक्ति मिल गई है। इसके साथ ही समय की बचत भी हुई है। मुवक्किल अपने मामले में पारित आदेश को देश के किसी कोने से देख सकते हैं।
जिला बार एसोसिएशन की भूमिका सराहनीय :
कोर्ट के फैसले और आदेश अपलोड करने की मांग जिला बार एसोसिएशन की ओर से लंबे समय किया जा रहा था। पिछले दिनों न्यायायुक्त की अध्यक्षता में शिकायत समिति की बैठक हुई थी। इसी बैठक में आरडीबीए के महासचिव सजंय कुमार विद्रोही ने न्यायायुक्त दिवाकर पांडेय के समक्ष जजमेंट और आदेश पोर्टल में अपलोड करने को मुद्दा उठाया था। न्यायायुक्त ने इसे प्राथमिकता से लेते हुए अदालतों को तत्काल निर्देश दिया। बैठक में न्यायायुक्त के साथ एजेसी प्रथम राजीव रंजन, एजेसी सप्तम विशाल श्रीवास्तव, एमएसीटी जज मनीष, आरडीबीए के अध्यक्ष एसपी अग्रवाल व महासचिव संजय कुमार विद्रोही मौजूद थे।