चतरा के टंडवा स्थित मगध व आम्रपाली कोयला परियोजना के टेरर फंडिंग से जुड़े मामले के आरोपी एस्के कॉनकास्ट एंड मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड के संचालक रातू रोड निवासी सुदेश केडिया (50) को झटका लगा है। एनआईए के विशेष न्यायाधीश एमके वर्मा की अदालत ने उसकी ओर से दाखिल डिस्चार्च अर्जी खारिज कर दी है। सुनवाई के दौरान एनआईए ने कहा कि याचिकाकर्ता एस्के कॉनकास्ट एंड मिनरल्स कंपनी का संचालक है। कंपनी मुख्य रूप से झारखंड में सीसीएल खनन द्वारा संचालित और प्रबंधित कोयला खदानों से अपने संचालन के लिए कोयले की आवश्यकता वाली विभिन्न कंपनियों, बिजली संयंत्रों के लिए परिवाहन सुविधाओं और लॉजिस्टिक समर्थन की व्यवस्था करने में लगा हुआ है। याचिकाकर्ता टीपीसी के साथ बैठक में शामिल होता था। उसने अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए आम्रपाली और मगध कोलियरी में अपने व्यवसाय के लिए कानून को पूरी तरह से बाधित कर निष्पक्ष रूप से बड़े पैमाने पर समाज को खतरे में डालकर टीपीसी, सीसीएल और ग्राम समिति को लेवी का भुगतान किया था। बता दें कि एनआईए चतरा जिले के टंडवा थाना में दर्ज प्राथमिकी (कांड संख्या 2/016) को फरवरी 2018 में टेकओवर करते हुए अनुसंधान शुरु की थी। जिसके बाद इस मामले में 21 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल गई। जिसमें महेश अग्रवाल, अमित अग्रवाल, विनीत अग्रवाल, अजय सिंह और सुदेश केडिया समेत अन्य नाम शामिल है।