जमीन घोटाले के आरोप में गिरफ्तार राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गुरुवार ईडी के विशेष न्यायाधीश दिनेश राय की अदालत में पेश किया गया। जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में लेते हुए 13 फरवरी तक के लिए बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार भेज दिया गया है। इस मामले में उनकी अगली पेशी 13 फरवरी को होगी। ईडी ने बुधवार को देर रात 10 बजे उक्त आरोप में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी दिखाई है। इससे पूर्व ईडी ने गुरुवार को हेमंत सोरेन को अदालत में पेशी के साथ पूछताछ के लिए 10 दिनों की पुलिस रिमांड का आवेदन दिया।
रिमांड आवेदन पर हेमंत सोरेन की ओर से एजी राजीव रंजन एवं ईडी की ओर से असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया अनिल कुमार ने बहस की। बहस पूरी होने के बाद अदालत ने आदेश सुरक्षित रख लिया। अदालत अपना आदेश शुक्रवार यानी (आज ) सुनाएगी। हेमंत सोरेन को ईडी ने बड़गाई अंचल के तत्कालीन राजस्व कर्मचारी भानु प्रताप प्रसाद के खिलाफ दर्ज केस में गिरफ्तारी दिखाई है। ईडी ने भानु प्रताप प्रसाद के खिलाफ सदर थाने में दर्ज प्राथमिकी कांड संख्या 272/23 से संबंधित तीन अगस्त 2023 को ईसीआईआर के तहत केस दर्ज किया है। इसी केस में हेमंत की गिरफ्तारी दिखाई गई है।
हेमंत सोरेन पर प्रोसिड ऑफ क्राइम का आरोप गलत :
हेमंत सोरेन के खिलाफ लगे आरोप और ईडी की पुलिस रिमांड आवेदन पर अदालत में दोनों पक्षों की ओर से करीब एक घंटा 32 मिनट बहस की गई। बहस के दौरान ईडी ने बड़गाई अंचल की लगभग आठ एकड़ भूईहरी जमीन की गलत तरीके खरीद-बिक्री के साथ भानु प्रताप प्रसाद के आवास में ईडी की छापेमारी में बरामद 17 सेल डीड एवं जब्त मोबाईल में मिली जानकारी का हवाला दिया। वहीं हेमंत सोरेन की ओर से कहा गया कि उन पर किसी प्रकार कोई ठोस सबूत नहीं है। बहस के दौरान कहा गया कि शेड्यूल ऑफेंस और प्रोसिड ऑफ क्राइम ऑफेंस दोनों अलग-अलग है। हेमंत सोरेन पर प्रोसिड ऑफ क्राइम का केस नहीं बन रहा है। कोई सीधा साक्ष्य नहीं है।