प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को झारखंड में एक बार फिर से दबिश दी। नवरात्र में ईडी की इस करवाई से हड़कंप मचा हुआ हैं। दरअसल पूरा मामला ईडी के नाम पर करोड़ों की वसूली से जुड़ा हुआ हैं। जिसको लेकर रांची और धनबाद समेत अन्य जगहों पर एक साथ ईडी की छापेमारी चल रही हैं। जानकारी के अनुसार इस दौरान ईडी ने वकील के साथ धनबाद के डीटीओ दिवाकर प्रसाद द्विवेदी समेत अन्य के ठिकानों पर छापामारी की हैं। ईडी इस पूरी कार्रवाई पंडरा थाने में दर्ज एफआईआर के आधार पर जोड़ कर देखा जा रहा हैं।
जानकारी के अनुसार सुबह-सुबह ईडी की टीम धनबाद के डीटीओ दिवाकर प्रसाद के घर पहुंची। जो देव विहार में हैं। उनके आवास पर दो गाड़ियों से ईडी की टीम छापेमारी करने पहुंची थी। वहीं, धनबाद डीटीओ के ठिकानों से पैसा बरामद होने की सूचना है। हांलाकि इस बात की पुष्टि अबतक नहीं की गयी हैं। इस दौरान उनके आवास पर किसी भी बाहरी लोगों के आने जाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गयी हैं।
जमीन कारोबारी और वकील दोनों ने एक दूसरे के खिलाफ पंडरा ओपी में कराया हैं प्राथमिकी दर्ज..
ईडी जमीन से जुड़े मामले की जांच कर रही है। इसकी जद में सीओ, जमीन कारोबार समेत अन्य इससे जुड़े लोगों का नाम ईडी की सूची में है। ईडी की सूची से नाम हटाने के एवज में तकरीब छह करोड़ की वसूली हुई हैं। ईडी के नाम पर पैसा वसूलने का आरोप अधिवक्ता पर लगा। जिसमें कहा गया कि ईडी को मैनेज करने के नाम पर अधिवक्ता सुजीत सिंह ने छह करोड़ रुपये की ठगी कर ली हैं। जमीन कारोबारी संजीव पांडेय ने यह आरोप लगाया था। जिसके बाद पंडरा ओपी में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी। तब जाकर यह पूरा मामला पुलिस के संज्ञान में आया था।
वहीं, अधिवक्ता ने भी जमीन कारोबारी के खिलाफ आरोप लगाया कि जमीन कारोबारी ने उनका अपहरण कर लिया था। पैसे देने के बाद उसे छोड़ा गया हैं। जिसके बाद अधिवक्ता सुजीत सिंह ने पंडरा ओपी में मामला दर्ज कराया हैं। जहां अधिवक्ता ने दर्ज मामले में लिखित शिकायत की थी कि हटिया निवासी जमीन कारोबारी संजीव पांडेय ने रातू रोड ऑफिस में बुलाया था। जिसके बाद उन्हें जबरन बैठा कर रखा गया। वहीं, जान से मारने की धमकी देते हुये उन्हें एटीएम ले जाया गया। जिसके बाद उनके खाते से 12 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिये गये।