ईडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ दर्ज शिकायतवाद मामले में बुधवार को अपना जवाब दाखिल कर दिया हैं। दरअसल समन अवहेलना से जुड़े मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने व्यक्तिगत पेशी से छूट के लिए याचिका दायर की थी। जिसकी सुनवाई एमपीएमएलए के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी सार्थक शर्मा की अदालत में चल रही हैं। इसी मामले में व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट की मांग वाली याचिका पर ईडी को जवाब दाखिल करना था।
ईडी की ओर से दाखिल जवाब में कहा गया है कि कानून इसकी इजाजत नहीं देता हैं। उस व्यक्ति (आरोपी) का पेश हुये बिना केस सुनवाई की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। ऐसी व्यवस्था कानून में नहीं हैं। बिना उपस्थित हुये सुनावई कैसे संभव हैं। मुख्यमंत्री को व्यक्तिगत पेशी से छूट की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। अब ईडी के जवाब पर हेमंत सोरेन की ओर से उनके वकील तीन अगस्त को बहस करेगें।
बता दें कि हेमंत सोरेन की ओर से अदालत में अपनी उपस्थिति से छूट के लिए सीआरपीसी की धारा 205 के तहत याचिका दाखिल की गयी हैं। पूर्व में सीजेएम कोर्ट ने इस मामले को एमपी एमएलए कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया था। हेमंत सोरेन ने निचली अदालत के समन वाले आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी हैं। फिलहाल यह मामला हाईकोर्ट में लंबित हैं।
क्या है पूरा मामला
शिकायतवाद में ईडी की ओर से बताया गया है कि हेमंत को जमीन घोटाला मामले में दस बार समन जारी किया था। जिसमें से ईडी के समक्ष मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन केवल दो ही समन पर उपस्थित हुये थे। यह ईडी के समन की अवहेलना हैं।