झारखंड हाईकोर्ट में बुधवार को जमीन घोटाला मामले में आरोपी पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर न्यायाधीश जस्टिस रंगोन मुखोपाध्याय की कोर्ट में सुनवाई हुई। दरअसल पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने ईडी की बहस सुनने के लिए बुधवार की तारीख निर्धारित की थी। इस दौरान ने ईडी के वकील ने अपना पक्ष रखा। और इस केस जुड़े साक्ष्य कोर्ट की पटल पर प्रस्तुत किये। ईडी ने तर्क देते हुये कहा कि हेमंत सोरेन से जुड़ा सबूतों अलग-अलग छापेमारी में मिले हैं।
पूछताछ में तत्कालीन सीओ मनोज कुमार ने अपने बयान में कहा है कि अभिषेक प्रसाद पिंटू और सीएमओ में कार्यरत उदय शंकर के कहने पर हल्का कर्मी भानू प्रताप को भूमि सर्वे करने को कहा था। इसके साथ ही अभिषेक प्रसाद ने भी अपने बयान में स्वीकार किया हैं कि उस भूमि को लेकर निर्देश हेमंत सोरेन के कहने पर ही दिये गये है। ईडी के वकील के कहा कि बचाव पक्ष जिन सबूतों पर सवाल उठा रहे हैं, उसका कोई आधार नहीं है। राज्य सरकार के कर्मचारियों की मौजूदगी में सभी सबूतों को सील बंद किया गया है। वहीं, जब्ती सूची पर सबके हस्ताक्षर लिए गये है। जिसके बाद हाईकोर्ट ने ईडी की पक्ष सुनने के बाद हेमंत सोरेन के वकील को लिखित बहस जमा करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही गुरुवार को भी इस मामले में बहस जारी रहेगी।
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर 10 मई (सोमवार) को सुनवाई के दौरान हेमंत की ओर से वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने बहस की थी। जिसमें हेमंत सोरेन का पक्ष रखते हुये कपिल सिब्बल ने दलील दिया कि पूरा मामला 8.86 एकड़ जमीन से जुड़ा हुआ है। ईडी के आरोपों के अनुसार राजस्व कर्मचारी ने सरकारी दस्तावेजों में छेड़छाड़ की है। साथ ही इस मामले में एजेंसी अबतक कोई ठोस दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सकी है। जिससे यह साबित किया जा सके कि हेमंत सोरेन का इस भूमि पर प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रुप से कोई अधिकार है। इसके साथ ही हेमंत सोरेन के खिलाफ जो धाराएं लगाई हैं, वह पीएमएलए के अन्तर्गत ठीक नहीं है। जिसके बाद हाईकोर्ट ने ईडी की बहस सुनने के लिए बुधवार की तारीख निर्धारित की थी। जिसपर बहस किया गया।
For more Visit – WWW.Aankhodekhitv.co.in