स्पेनिश विदेशी पर्यटक महिला के साथ दुमका में हुए गैंगरेप मामले में हाईकोर्ट द्वारा लिए गए स्वत संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में एक्टिव चीफ जस्टिस एस चंद्रशेखर और जस्टिस नवनीत कुमार की अदालत में सुनवाई हुई । अदालत के आदेश के आलोक में दुमका एसपी की ओर से शपथ पत्र दायर किया गया। अदालत ने शपथ पत्र देखने के उपरांत सरकार के अधिवक्ता से पूछा कि विदेशी महिला के साथ हुए इस वारदात की जांच वरीय अधिकारी को करना चाहिए था, क्यों नहीं किया गया। हाईकोर्ट ने सरकार के जवाब पर असंतोष व्यक्त करते हुए राज्य सरकार से यह जानना चाहा कि जो आवश्यक जांच होनी चाहिए, वह क्यों नहीं हुई। सरकार की ओर से कहा गया कि है दुमका के अस्पताल में संभव नहीं है, इसलिए यह जांच नहीं कराया जा सका।
अदालत ने राज्य सरकार को 13 मार्च से पूर्व कई बिंदु पर जानकारी देने को कहा है। अदालत ने उन्हें यह बताने को कहा है कि विदेशी पर्यटक जो आते हैं, उनकी सुरक्षा की क्या कुछ व्यवस्था की गई है। उसकी कोई स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी)है या नहीं है। अदालत में यह भी जानना चाहा कि राज्य सरकार विदेशी पर्यटक खासकर महिला सुरक्षा के लिए कुछ नियम बनाए हुए हैं या नहीं। राज्य में प्रति वर्ष कितने विदेशी पर्यटक आते हैं। इसकी जानकारी राज्य सरकार को होती है? सरकार उनकी सुरक्षा के लिए क्या कुछ किए हैं? विदेशी भाषाओं पर हेल्पलाइन है या नहीं है। खासकर विदेशी महिला पर्यटकों के लिए राज्य सरकार का क्या सुरक्षा का प्रबंध है । इन तमाम बिंदुओं पर अदालत ने राज्य सरकार को जवाब देने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 13 मार्च को निर्धारित की गई है। बता दें कि दुमका के हंसडीहा में स्पेन बोलने वाली विदेशी महिला के साथ हुए गैंगरेप के मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए उसे जनहित याचिका में बदलकर सुनवाई करने का आदेश दिया था। पूर्व में सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार और दुमका एसपी से जवाब तलब किया था।