जेल से संबंधित अन्य जनहित याचिका के साथ इसे भी सुनवाई के लिए साथ में किया संलग्न
झारखंड हाई कोर्ट में सोमवार को चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा एवं जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने राज्य के जेलो में चिकित्सकों, विशेषज्ञ चिकित्सकों, नर्सों समेत अन्य के रिक्त पदों को भरने पर पीपुल यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। इस मामले में राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि राज्य के सरकारी अस्पतालों से चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति जेलों में की गई है। जिस जेलों मे चिकित्सकों की कमी थी, वहां प्रतिनियुक्ति पर चिकित्सक भेज दिए गए हैं। कोर्ट ने इस जनहित याचिका को जेल से संबंधित एक अन्य जनहित याचिका के साथ संलग्न करते हुए मामले की सुनवाई 28 अगस्त निर्धारित की। राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता आशुतोष आनंद ने पैरवी की। वही प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता शैलेश पोद्दार ने पैरवी की है।
पूर्व की सुनवाई में प्रार्थी की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि राज्य के 30 जेल में चिकित्सक, विशेषज्ञ चिकित्सक, मानसिक रोग विशेषज्ञ, नर्सेज की कमी है। आरटीआई के तहत प्राप्त सूचना के मुताबिक राज्य के कुछ जेल में एक भी चिकित्सक नहीं है। जेलो में चिकित्सकों , नर्सों की पर्याप्त संख्या नहीं है। इसे देखते हुए जेल में इन रिक्त पदों को भरा जाए। प्रार्थी का यह भी कहना है कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2016 में मॉडल जेल मैनुअल तैयार किया है। जिसके आधार पर सभी राज्यों को मॉडल जेल मैनुअल बनाने को कहा गया है। झारखंड में बनने वाले मॉडल जेल मैनुअल को झारखंड के क्षेत्रीय भाषा में भी प्रकाशित किया जाना चाहिए।