साहिबगंज में बाल तस्करी से संबंधित एक मामले में आरोपी कुलदेव साह की दो आपराधिक अपीलों में विधि विज्ञान निदेशालय एवं प्रयोगशाला, रांची ने हाई कोर्ट में जवाब दाखिल किया गया है। यह रिपोर्ट विधि विज्ञान निदेशालय के डिप्टी डायरेक्टर बृज कुमार ठाकुर ने दायर किया है। जिसमें उसने बताया है कि कोर्ट ने 8 नवंबर 2023 को विधि विज्ञान निदेशालय से बरामद बच्चे एवं उसके पिता की डीएनए रिपोर्ट मांगी थी। डीएनए रिपोर्ट में बरामद बच्चे और उसके पिता की डीएनए मैच नहीं हुआ है। जिससे यह निष्कर्ष निकलता है कि वह बरामद लड़का पीड़ित पिता का बायोलॉजिकल पुत्र नहीं है। यहां यह बता दे कि पिछले सुनवाई में साहिबगंज एसपी नौशाद आलम ने हाईकोर्ट में शपथ पत्र दाखिल कर डीएनए टेस्ट को एक जटिल प्रक्रिया बताते हुए कोर्ट से समय की मांग की थी। इस मामले की सुनवाई हाई कोर्ट के जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अध्यक्षता वाली खंडपीठ कर रही है। खंडपीठ ने पिछले सुनवाई में दो गुमशुदा बच्चों में से बरामद किए गए एक बच्चे के डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट डायरेक्टर फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री रांची से मांगी थी।
क्या है मामला :
दरअसल, कुलदेव साह व वीरेंन साह के खिलाफ परिवादी एम हेंब्रम ने साहिबगंज कोर्ट में अपने बेटे की चाइल्ड ट्रैफिकिंग करने को लेकर कंप्लेंन केस संख्या 148/ 2022 दर्ज कराई थी। उनका बच्चा वर्ष 2018 से लापता है। वहीं बोरियो थाना में कुलदेव साह एवं पप्पू साह के खिलाफ दर्ज कांड संख्या 2020/ 2022 में बी हंसदा ने अपने छोटे भाई की वर्ष 2014 में लापता होने को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
विधि विज्ञान निदेशालय एवं प्रयोगशाला रांची ने हाईकोर्ट में दाखिल किया जवाब, बताया पुलिस द्वारा बरामद लड़का पीड़ित पिता का बायोलॉजिकल पुत्र नहीं, जाने क्या है पूरा मामला
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