झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद व जस्टिस एके राय की खंडपीठ में बुधवार को देवधर एम्स में बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान डीजी फायर अनिल पालटा कोर्ट में ऑनलाइन वर्चुअल मोड से हाजिर हुए और कोर्ट को फायर सेफ्टी के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कोर्ट को बताया गया कि देवधर एम्स में फायर फाइटिंग के लिए फिनलैंड से दो हाइड्रोलिक मशीन आयेगी। यह 24 तल्ला तक भवनों में आग लगने पर आग बुझाने में सक्षम होगी। फिनलैंड से यह हाइड्रोलिक मशीन लगभग दो साल में देवघर एम्स आयेगी। इस पर 26. 85 करोड़ रुपए की लागत आ रही है। टेंडर प्रक्रिया में है।
जिसके बाद कोर्ट ने जानना चाहा कि इस बीच किसी तरह की अस्पताल में दुर्घटना होती है तो कैसे निपटा जाएगा। इस पर उन्होंने कहा कि निपटने की व्यवस्था की जा रही है। करीब 15 छोटी मशीनें लाई जाएगी। कोर्ट ने सभी जानकारी शपथपत्र के माध्यम से पेश करने को कहा। साथ ही अगली सुनवाई की तारीख 8 अप्रैल निर्धारित की है। देवघर एम्स में प्रतिदिन 3 मिलियन लीटर पानी की आवश्यकता है। पेयजल विभाग इसे कैसे मुहैया करायेगा। इस पर पेयजल स्वच्छता विभाग को भी जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया है। ऊर्जा विभाग को भी कोर्ट ने देवघर एम्स में बिजली उपलब्ध कराने के लिए किये जा रहे उपायों के बारे में शपथ पत्र दाखिल करने को कहा है। जानकारी हो कि सांसद निशिकांत दुबे ने देवघर एम्स में बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर जनहित याचिका दाखिल की है। उसी याचिका पर सुनवाई जारी है।