झारखंड ग्रामीण मजदूर सभा के बैनर तले ग्रामीण धरना पर बैठे
पलामू जिले में औसत से कम बारिश होने के कारण खरीफ फैसले नष्ट हो गई है। जिसके वजह से सुखाड़ और अकाल की स्थिति बनी हुई है। इससे परेशान दर्जनों ग्रामीणों ने झारखंड ग्रामीण मजदूर सभा के बैनर तले पलामू को सुखाड़ क्षेत्र घोषित कर युद्ध स्तर पर राहत कार्य चलाने की मांग को लेकर सोमवार को डीसी ऑफिस में प्रदर्शन किया। लाल झंडे के साथ ग्रामीणों ने ऑफिस के मुख्य गेट को जाम कर शांतिपूर्वक धरना पर बैठक गए। झारखंड ग्रामीण मजदूर सभा के अध्यक्ष नर्मदेश्वर सिंह ने कहा कि बारिश नहीं होने के कारण खरीफ फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। दो महीने बाद सभी जलाशय सूख जाएंगे। ऐसे में मवेशियों के लिए पानी भी नसीब नहीं होगा। चारा तो पहले ही खत्म हो गया है। इस आपदा की स्थिति में जन वितरण प्रणाली के तहत मिलने वाला खाद्यान्न भी दो- तीन महीने से नहीं दिया जा रहा है। इस बाबत वह ग्रामीणों के साथ वास्तु स्थिति से उपायुक्त को अवगत कराने आए हुए है। उन्होंने उपायुक्त से आग्रह करते हुए कहा कि पंचायत एवं गांव स्तर पर चारा और पानी का प्रबंध करें। इसके साथ ही आदिम जनजाति के 3 महीने का राशन गायब है। उन्होंने उपायुक्त से मांग करते हुए कहा कि मनरेगा में 600 रुपये मजदूरी दर दिया जाए। वही, रसोईया उषा देवी ने कहा कि झारखंड विद्यालय रसोइया की स्थिति ज्यादा खराब है। हम लोगों से कम मानदेय पर काम लिया जाता है। लेट लतीफी का बहाना बनाकर शिक्षक लगातार उन्हें डांट फटकार लगाते रहते हैं। 6 से 7 महीने के बाद मानदेय नसीब होता है। बढ़े हुए मानदेय के अनुसार भुगतान किया जाना चाहिए।
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