रांची के कांके लॉ कॉलेज की छात्रा के साथ गैंगरेप के मामले में सजायाफ्ता राजन उरांव की क्रिमिनल अपील झारखंड हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। हाईकोर्ट ने पिछले महीने याचिका पर सुनवाई पश्चात आदेश सुरक्षित रख लिया था। राजन उरांव की ओर से हस्तक्षेप याचिका (आईए) दाखिल कर सजा को निलंबित रखते हुए जमानत देने का आग्रह कोर्ट से किया गया था। कोर्ट ने इस आईए को खारिज करते हुए राजन उरांव को जमानत देने से इनकार किया।
रांची के तत्कालीन प्रधान न्यायायुक्त नवनीत कुमार (वर्तमान में हाईकोर्ट के जस्टिस) की अदालत ने डे-टू-डे सुनवाई करते हुए गैंगरेप के 90 वें दिन ही 27 फरवरी 2020 को फैसला सुनाया था। सजा सुनाते समय अदालत ने कहा था कि इस हैवानियत के लिए सभी 11 अभियुक्तों को दुष्कर्म, अपहरण करने, साजिश रचने समेत 5 धाराओं में दोषी पाकर सजा सुनाई जाती है। बता दें कि 26 नवंबर को इस घटना को अंजाम दिया गया था और 27 नवंबर को गैंगरेप का मामला दर्ज हुआ था। जिन आरोपियों को दोषी पाया गया है, उनमें कुलदीप उरांव, सुनील उरांव, संदीप तिर्की, अजय मुंडा, राजन उरांव, नवीन उरांव, बसंत कच्छप, रवि उरांव, रोहित उरांव, सुनील मुंडा और ऋषि उरांव शामिल था।