दहेज उत्पीड़न के आरोपी सिविल कोर्ट के वकील गोंदा थाना क्षेत्र के टिंबर गली भीठा कांके रोड निवासी मो नईमुद्दीन उर्फ नईम नूरी अंसारी(50) को अदालत से जबरदस्त झटका लगा है। अपर न्यायायुक्त पीके शर्मा की अदालत ने उसकी ओर से दाखिल अग्रिम जमानत अर्जी सुनवाई पश्चात खारिज कर दी है। जिसके बाद उसकी मुश्किलें बढ़ गई है। याचिका पर सुनवाई के दौरान प्रभारी पीपी एसजे टोपनो ने याचिकाकर्ता की प्रार्थना का विरोध किया।
कहा कि आरोपी याचिकाकर्ता ने सूचक (शाहला तबस्सुम) को उसके घर से बाहर निकल दिया है। जो उसके पिता द्वारा उपहार में दिया गया था। याचिकाकर्ता ने सूचक की सहमति से दूसरी शादी की थी। दूसरी शादी के कुछ समय बाद आरोपी पति ने एक अन्य महिला के साथ तीसरी शादी की और फिर बहुत ही अनैतिक तरीके से हाल ही में जूनियर वकील के साथ चौथी शादी कर ली थी। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत में मौजूद सूचक ने आरोपी पति के पास खड़ी एक महिला वकील की ओर इशारा किया और उसकी पहचान पूजा कुमारी के रूप में की। उसके पति ने उस पर कई तरह से शारीरिक और मानसिक अत्याचार किया। इसके अलावा, आरोपी पति ने सूचक के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट की। इसके साथ ही उसे घर से भी निकाल दिया। पिछले कई वर्षों से उसके साथ अन्याय जारी रखा और उसे आत्महत्या के लिए उकसाया गया है। इसको देखते हुए याचिकाकर्ता के कृत्यों और दुर्व्यवहार के मद्देनजर उसकी याचिका खारिज की जा सकती है।
बता दें कि पीड़िता ने 17 अगस्त 2023 को गोंदा थाना में अपने पति नईमुद्दीन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। जिसमें कहा कि उसकी शादी 22 नवंबर 2000 को नईमुद्दीन के साथ हुई थी। सहमति पर दूसरी शादी 25 जून 2006 को हुई। आगे आरोप लगाया है कि 20 जून 2023 को उसके पति और उसकी दूसरी पत्नी ने उसे बुरी तरह पीटा और लात-घूंसों मारकर घर से बाहर निकाल दिया। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के पश्चात याचिका खारिज कर दी। याचिकाकर्ता ने प्राथमिकी दर्ज होने के एक महीने बाद ही याचिका दाखिल की थी।