इलाहाबाद बैंक की जमशेदपुर शाखा से जमीन का फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर 6.18 करोड़ रुपये से अधिक का अवैध रूप से बैंक ऋण उठाने के मामले में बैंक के तत्कालीन चीफ मैनेजर कोलकाता निवासी प्रदीप कुमार मित्रा(70) एवं मेसर्स एन्सी एंटरप्राइजेज प्रा. लि. के संचालक हजारीबाग निवासी संजय सिंह(57) पर सात साल बाद आरोप तय किया गया। इससे दोनों की मुश्किलें बढ़ गई है। मामले में अब सीबीआई की ओर से साक्ष्य प्रस्तुत किया जाएगा। इसके लिए सीबीआई के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत ने चार सितंबर की तारीख निर्धारित की है। आरोप गठन के बिंदु पर सुनवाई के दौरान दोनों आरोपियों से अदालत ने उसके ऊपर लगे आरोप के बारे में पूछा। इस दोनों ने अपने आप को निर्दोष बताया था। यह फर्जीवाड़ा अप्रैल 2009 से जुड़ा है। मामले के मुख्य आरोपी चंदन सिंह की मौत हो चुकी है। यह ऋण लौह अयस्क और इससे जुड़े कारोबार को बढ़ाने के नाम पर लिया था।
कागजी जमीन पर उठाया था छह करोड़ ऋण :
हजारीबाग के मिशन हॉस्पिटल रोड स्थित मेसर्स एन्सी एंटरप्राइजेज प्रा. लिमिटेड के एमडी चंदन सिंह एवं उसका भाई संजय सिंह ने अप्रैल 2009 में इलाहाबाद बैंक की जमशेदपुर स्थित शाखा से अलग-अलग तारीख में छह करोड़ रुपये से ऋण लिया। ऋण लेने में आपराधिक साजिश रचा गया। जिस जमीन के दस्तावेज जमा कर ऋण लिया गया। वह बाद में फर्जी पाया गया। यह खुलासा जब ऋण की किस्ती नहीं जमा करने पर कार्रवाई की गई तो हुआ। बैंक ने ऋण की राशि 6.18 करोड़ रुपये को एनपीए घोषित कर दिया। सितंबर 2016 में फर्जीवाड़े की जांच सीबीआई को सौंपी गई। बाद में सीबीआई ने नया केस साल 2021 में किया। जिसमें फर्जीवाड़े को सही पाया गया।
कागजी जमीन पर छह करोड़ रुपये से अधिक ऋण फर्जीवाड़े में बैंक मैनेजर समेत दो पर आरोप तय
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