श्री गुरु नानक देव की 555 वीं प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में निकाले जाने वाले नगर कीर्तन की तारीखों में बदलाव हुआ हैं। इसके मद्देनजर नगर कीर्तन समेत अन्य कार्यक्रमों में भी फेरबदल किये गये हैं। जिसके तहत नये सिरे से कार्यक्रमों की रुप रेखा तय हो चुकी हैं। इस बाबत गुरुद्वारा श्री गुरु नानक सत्संग सभा, कृष्णा नगर कॉलोनी के बैनर तले एक अहम बैठक की गयी। जिसकी अध्यक्षता गुरु नानक सत्संग सभा के अध्यक्ष द्वारका दास मुंजाल ने की। बैठक में गुरु नानक सत्संग सभा, गुरुनानक भवन कमेटी और गुरुनानक बाल मंदिर स्कूल कमेटी के सदस्य समेत अन्य शामिल हुये। जहां उन्होंने आयोजन को लेकर अपने विचारों को रखा।
सत्संग सभा के सचिन अर्जुन देव मिढ़ा ने बताया कि अब नगर कीर्तन की तिथि 14 नवंबर को तय हुयी हैं। जिसके वजह से नगर कीर्तन से पहले यानी 13 नवंबर को सुबह आठ बजे से दस बजे तक और शाम सात बजे से नौ बजे तक दो दीवान सजाये जायेगे। इसके बाद गुरु का अटूट लंगर भी चलाया जायेगा। इस दौरान गुरुनानक सेवक जत्था की ओर से रक्तदान शिविर भी लगाया जायेगा।
उन्होंने कहा कि मुख्य दीवान 14 नवंबर को कृष्णा नगर कॉलोनी स्थित गुरुद्वारा मैदान में सुबह 10 से दोपहर 2 बजे तक सजाया जायेगा। दोपहर एक बजे से गुरु का अटूट लंगर चलाया जायेगा। जिसके बाद दीवान समाप्ति की घोषणा कर दी जायेगी। इसके उपरांत दोपहर 2:30 बजे गुरुद्वारा मैदान से पुष्प से सुज्जित सवारी पर गुरु ग्रंथ साहिब को विराजमान कर भव्य नगर कीर्तन निकाला जायेगा। यह मेट्रो गली, रातु रोड़, किशोरी यादव चौक, प्यादा टोली, गांधी चौक, शहीद चौक, अल्बर्ट एक्का चौक, सर्जना चौक, डेली मार्केट, चर्च कॉम्प्लेक्स, लाला लाजपत राय चौक होते हुये पीपी कंपाउंड स्थित गुरु नानक स्कूल परिसर पहुंचेगा। जिसके बाद तकरीबन रात 9 बजे इसकी विसर्जित होने की घोषणा कर दी जायेगी।
सत्संग सभा के मीडिया प्रभारी नरेश पपनेजा ने कहा कि प्रकाश पर्व के दिन 15 नवंबर को रात आठ बजे से मध्य रात्रि दो बजे तक रैन सवाई दीवान सजाया जायेगा। प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में 13 नवंबर से पढ़ें जाने वाले श्री अखंड पाठ साहिब का भोग रात 12 बजे लगेगा। प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में सजाये जा रहे सभी दीवानों में शिरकत करने सिख पंथ के कीर्तनी जत्था भाई जगतार सिंह जम्मू वाले विशेष रूप से रांची पहुंच रहे हैं। इसके साथ ही हजूरी रागी जत्था भाई महिपाल सिंह की ओर से भी शबद गायन किया जायेगा। वहीं, गुरुद्वारा के हेड ग्रंथी ज्ञानी जिवेंदर सिंह की ओर से कथा वाचन होगे।
इनकी रही भागीदारिता..
बैठक में सुंदर दास मिढ़ा, सुरेश मिढ़ा, हरविंदर सिंह बेदी, चरणजीत मुंजाल, अशोक गेरा, हरगोविंद सिंह, मोहन लाल अरोड़ा, लेखराज अरोड़ा, अमरजीत गिरधर, नरेश पपनेजा, मनीष मिढ़ा, मोहन काठपाल, लक्ष्मण दास मिढ़ा, अश्विनी सुखीजा, महेंद्र अरोड़ा, महेश सुखीजा, हरीश मिढ़ा, अनूप गिरधर, बिनोद सुखीजा, इंदर मिढ़ा, रमेश पपनेजा, बसंत काठपाल, नवीन मिढ़ा, हरजीत बेदी, राकेश गिरधर समेत अन्य उपस्थित थे।