बैंक से लोन दिलाने के नाम पर सीसीएल कर्मियों के हस्ताक्षर युक्त ब्लैंक चेक से फर्जी तरीके से संगठित आपराधिक गिरोह अपने खाते में तकरीब 50 करोड़ रुपए हस्तांतरित करने से जुड़े धोखाधड़ी के एक मामले में अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) ने जांच पूरी करते हुए पांच अभियुक्तों के खिलाफ सीआईडी कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। दाखिल चार्जशीट में कमल कुमार सिंह, मोहम्मद जमीर मियां, बिट्टू कुमार रजक, मेहुल कुमार और राहुल कुमार का नाम शामिल है।
सीआईडी टीम ने इन आरोपियों को 16 दिसंबर 2023 को एक साथ धर दबोचा था। तब से पांचों जेल में है। सभी आरोपी रामगढ़ और पतरातू इलाके में रहनेवाला है। सीआईडी ने केस दर्ज होने के बाद छापेमारी की थी। जिसमें चार मोबाइल, एक लैपटाप, दो कंप्यूटर व बैंक से संबंधित दस्तावेज बरामद किया गया था। ये बैंक अधिकारियों को पांडेय गिरोह के नाम से डरा-धमका कर लोन पास करवाते थे।
क्या है मामला :
सीआईडी थाना में एसबीआई के एक अधिकारी पीके सिंह की शिकायत पर नौ नवंबर 2023 को धोखाधड़ी के मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। जांच में क्रम में पता चला कि आरोपियों ने शातिर तरीके से रामगढ़, पतरातू और उसके आसपास इलाके के रहनेवाले लोगों को अपना शिकार बनाया था। इसके निशाने पर पर सीसीएल कर्मी रहते थे। जांच में यह बात सामने आई है कि आरोपियों ने पांच सौ से अधिक लोगों को ठगी का शिकार बनाया है। आरोपियों लोन दिलाने के नाम पर लोगों से दस्तावेज लेते थे। जिसके बाद एसबीआई से सभी के नाम पर लोन लेते थे। और फिर उसे अपने खाते में स्थानांतरित करा लिया करते थे। इसकी भनक लाभुकों को भी नहीं होती थी। जब बैंक का नोटिस उनके घर पहुंचने लगा, तब जाकर ठगी के शिकार लोगों को इसकी जानकारी हुई थी।