झारखंड हाईकोर्ट में बुधवार को चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा एवं जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में विधानसभा में नियुक्ति घोटाला मामले में दोषी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। अदालत के आदेश के आलोक में विधानसभा के सचिव की ओर से अदालत को यह जानकारी दी गई कि कैबिनेट सचिव ने ही जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद द्वारा दिए गए रिपोर्ट को जस्टिस एसके मुखोपाध्याय के वन मैन कमिशन के पास भेजा गया है। इसलिए कैबिनेट सचिव से रिपोर्ट मांगा गया है। रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए समय की मांग की गई। इस पर अदालत ने अगली तारीख चार अक्तूबर निर्धारित की है। पूर्व में मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार को जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद की जांच रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत करने को कहा था। जांच रिपोर्ट पेश नहीं कर सरकार की ओर से अदालत को जानकारी दी गई कि जांच रिपोर्ट जो है वह स्पष्ट नहीं था। जिसके कारण एक दूसरे सेवानिवृत्त जस्टिस एसके मुखोपाध्याय के कमेटी गठित की गई है। वह फिलहाल जांच रिपोर्ट की अध्ययन कर रहे हैं। इसलिए वह जांच रिपोर्ट उन्हीं के पास है। जिस पर अदालत ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि राज्य सरकार या तो रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत करें या फिर सचिव हाजिर हो। वर्ष 2005 से 2007 के बीच झारखंड विधानसभा में नियुक्ति हुई थी। जिसमें गड़बड़ी की बात सामने आई थी।