भारतीय सेना की ड्रेस में पहली बार बड़ा बदलाव हुआ है। 1 अगस्त से यह बदलाव लागू हो गया। अब सेना के ब्रिगेडियर और उससे ऊपरी रैंक के सभी अधिकारी एक जैसा यूनिफॉर्म पहनेंगे। फिर चाहे उनका कैडर और शुरुआती तैनाती कहीं भी हुई हो। सेना में समान पहचान, समान चरित्र और दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए यह बदलाव किया गया है।
वर्दी में बदलाव
वर्दी बदलने का फैसला 17 से 21 अप्रैल तक हुए सैन्य कमांडरों के सम्मेलन में लिया गया था। उस समय तय हुआ था कि फ्लैग रैंक (ब्रिगेडियर और उससे ऊपर) के सीनियर अफसरों के हेडगियर, शोल्डर रैंक बैज, गोरगेट पैच, बेल्ट और जूते अब मानकीकृत और सामान्य होंगे। सेना कमांडरों के सम्मेलन के दौरान विस्तृत विचार-विमर्श और सभी हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद ही यह निर्णय लिया गया था।
टोपी से लेकर जूते तक होंगे एक जैसे
अधिकारियों ने बताया कि फ्लैग रैंक (ब्रिगेडियर और उससे ऊपर) के वरिष्ठ अधिकारियों के टोपी, शोल्डर रैंक बैज, वर्दी के कॉलर पर पहने जाने वाले जॉर्जेट पैचेज, बेल्ट और जूते ब्रिगेडियर और अन्य सभी फ्लैग रैंक के अधिकारियों के एक जैसे होंगे। सेना के अधिकारी अब लैनयार्ड (ध्वज-रैंक अधिकारी अब कोई डोरी) नहीं पहनेंगे।अधिकारियों ने कहा कि यह कदम रेजिमेंटों की सीमाओं से परे वरिष्ठ नेतृत्व के बीच सेवा मामलों में आम पहचान और दृष्टिकोण को बढ़ावा देने और मजबूत करने के लिए उठाया गया है। ब्रिगेडियर और उससे ऊपर के अधिकारी वे होते हैं जो पहले से ही यूनिट्स और बटालियनों की कमान संभाल चुके होते हैं। जिसमें ज्यादातर मुख्यालय अथवा प्रतिष्ठानों में तैनात होते हैं। जहां सभी हथियारों और सेवाओं के अधिकारी एक साथ काम करते हैं। वही, अधिकारियों ने बताया कि कर्नल और उस रैंक से नीचे के अधिकारियों द्वारा पहनी जाने वाली वर्दी में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
बदलाव :ब्रिगेडियर और ऊपर रैंक के अधिकारी पहनेंगे एक जैसी यूनिफॉर्म
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