पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की ओर से दर्ज अरका स्पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड एंड मैनेजमेंट लिमिटेड के मिहिर दिवाकर और सौम्या दास के खिलाफ रांची सिविल कोर्ट में आपराधिक मामला चलेगा। न्यायिक दंडाधिकारी राज कुमार पांडेय की अदालत ने बुधवार को 15 करोड़ रुपए के फर्जीवाड़े में मिहिल दिवाकर, सौम्या दास एवं अरका स्पोर्ट्स प्रा. लि. के खिलाफ संज्ञान ले लिया है। दोनों पर फर्जीवाड़ा करके धोनी को 15 करोड़ रुपए की आर्थिक क्षति पहुंचाने का आरोप है।
यह शिकायतवाद धोनी की ओर से सीमांत लोहानी ने दर्ज कराया है। मिहिर दिवाकर धोनी के करीबी दोस्त और बिजनेस पार्टनर भी रहे हैं। दर्ज शिकायतवाद पर पांच जनवरी को अदालत में सुनवाई हुई थी। सुनवाई के दौरान मामले में धोनी के प्रतिनिधि सीमांत लोहानी का बयान शपथपत्र पर दर्ज किया गया। जिसमें उन्होंने मिहिर दिवाकर एवं सौम्या दास के ऊपर लगाए आरोपों के बारे में बयान दिया। आगे की सुनवाई में शिकायतकर्ता की ओर से साक्ष्य प्रस्तुत किया गया था। जिसके आधार पर अदालत ने संज्ञान लिया है। मामले में अब तीनों पर समन जारी किया जाएगा। इसके लिए अदालत ने तारीख निर्धारित कर दी है।
धोनी के प्रतिनिधि ने अक्तूबर 2023 में किया मुकदमा :
एमएस धोनी ने अपने प्रतिनिधि सीमांत लोहानी को मुकदमा दर्ज करने का अधिकार दिया है। जिसके बाद धोनी के प्रतिनिधि सीमांत लोहानी ने 27 अक्तूबर 2023 को उक्त मुकदमा दर्ज कराया। जिसमें कहा गया कि मिहिर दिवाकर ने कथित तौर पर दुनिया भर में क्रिकेट अकादमी खोलने के लिए साल 2017 में एमएस धोनी के साथ एक समझौता हुआ था। समझौते के बाद उसे फ्रेंचाइजी दिया गया था।
एकरारनामा के तहत प्रॉफिट शेयर का 70-30 का अनुपात तय हुआ था। धोनी को लाभ का 70 फीसदी भुगतान करना था। लेकिन समझौते के सभी नियम और शर्तों की धज्जियां उड़ा दी गयी। जब धोनी को इसकी जानकारी हुई तो समझौता को अगस्त 2021 में वापस ले लिया। इसके बावजूद आरोपियों ने एमएस धोनी क्रिकेट अकादमी खोले जा रहा थे। इसके बाद धोनी ने उनलोगों को कानूनी नोटिस भेजा। जिसका जवाब भी दिया गया। लेकिन अकादमी खोलना बंद नहीं हुआ। इससे 15 करोड़ रुपए की आर्थिक क्षति हुई है। जो भविष्य में और बढ़ सकता है। बता दें कि यह मुकदमा धोखाधड़ी, विश्वासघात, जाली कागजात तैयार करके फर्जीवाड़ा करना समेत अन्य आरोपों के तहत किया गया है।
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