राजधानी दिल्ली में अधिकारियों की नियुक्ति औैर स्थानांतरण मामले में उपराज्यपाल के फैसले को अंतिम माने जाने वाले राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार संशोधन विधेयक लोकसभा से पारित हो गया। विधेयक पर हुई चाढ़े चार घंटे की चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री ने विपक्ष के रवैये पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि विपक्ष को देशहित, दिल्ली के हित की चिंता नहीं बल्कि गठबंधन बचाने की चिंता है। उन्होंने पूछा कि आज विपक्ष को मणिपुर हिंसा की याद क्यों नहीं आ रही? विपक्ष आज प्रधानमंत्री को सदन में बुलाने की मांग क्यों नहीं कर रहा? इससे पहले भी जब नौ विधेयक पारित हुए, तब विपक्ष ने चर्चा में हिस्सा क्यों नहीं लिया? शाह ने कहा कि जो विधेयक पारित हुए वह जनहित, किसान हित से संबंधित थे। विपक्ष के रवैये से साफ हो गया है कि उसे बस अपने गठबंधन की चिंता है। उन्होंने कहा कि इस बिल को संसद में लाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का किसी तरह से उल्लंघन नहीं किया गया है। संविधान के तहत संसद को दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र से संबंधित किसी भी विषय पर कानून बनाने का पूर्ण अधिकार है।
आइना भी दिखाया
अमित शाह ने कहा कि पट्टाभि सीतारमैया समिति ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की सिफारिश की थी। जब यह विषय तत्कालीन संविधान सभा के समक्ष आया, तब पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, राजाजी (राजगोपालाचारी), डॉ. राजेंद्र प्रसाद और डॉ. भीमराव आंबेडकर ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्ज दिये जाने का विरोध किया था।
नरेंद्र मोदी पूर्ण बहुमत के साथ फिर से प्रधानमंत्री बनेंगे
लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि विपक्षी गठबंधन बनने के बाद भी नरेंद्र मोदी पूर्ण बहुमत के साथ फिर से प्रधानमंत्री बनेंगे।
अधीर रंजन चौधरी ने साधा निशाना
चर्चा पर लोकसभा में कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि अगर दिल्ली में ऐसी छेड़खानी होती रहेगी तो आप अन्य राज्यों के लिए भी ऐसे बिल लाते रहेंगे। अगर आपको लगता है कि यहां घोटाला होता है तो उसके लिए आपको यह बिल लाना जरूरी था? आपके पास ED, CBI, IT है, आप उसका इस्तेमाल क्यों नहीं करते?
आप सांसद पूरे सत्र के लिए निलंबित
विधेयक पारित होने के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी के प्रस्ताव पर स्पीकर ओम बिरला ने आप के इकलौते सांसद सुशील कुमार रिंकू को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया। दरअसल विधेयक पर चर्चा के दौरान सांसद रिंकू वेल में आए और बिल की प्रति फाड़ कर आसन की ओर फेंका। जोशी ने इसे सदन का अपमान बताते हुए उन्हें पूरे सत्र के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव रखा। स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि रिंकू ने सदन की गरिमा और मर्यादा को ठेस पहुंचाई है।
दिल्ली अध्यादेश से जुड़ा बिल लोकसभा से पास: शाह बोले-संसद को कानून बनाने का अधिकार
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