बिहार की मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का मंगलवार को निधन हो गया। अब वह हमारे बीच नहीं रहीं। दिल्ली के एम्स अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली। वे पिछले कुछ समय से बीमार चल रही थीं। जिसके वजह से उनका इलाज एम्स में चल रहा था। इस दौरान सोमवार की शाम उनकी अचानक तबीयत बिगड़ने लगी।
जिसके बाद उनकी स्थिती को देखते हुये उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। विशेषज्ञ डॉक्टरों की देखरेख में आईसीयू में उनका इलाज चल रहा था। वहीं, आज देर शाम उनकी मुत्यु की खबर आयी। उन्होंने अस्पताल में अंतिम सांसे ली। जानकारी के अनुसार पद्म पुरस्कार से सम्मानित बिहार की मशहूर गायिका शारदा सिन्हा 22 अक्टूबर से अस्पताल में भर्ती थीं। जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी। ज्ञात हो कि शारदा सिन्हा का आखिरी छठ गीत यूट्यूब पर 4 अक्टूबर को ही रिलीज हुई थी।
पति का भी इसी साल हुआ मुत्यु
उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट सोमवार शाम को करना पड़ा था। इस बात की जानकारी उनके बेटे अंशुमन सिन्हा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर दी। शारदा सिन्हा की लंबी आयु के लिए आज (मंगलवार) की सुबह उनके ससुराल बेगूसराय के सीहमा में हवन व पूजन किये जा रहे थे। बता दें कि शारदा सिन्हा के पति का निधन भी इसी साल हुआ था। उनकी मृत्यु ब्रेन हैमरेज होने की वजह से हुई थी।
राजनेताओं ने जताया शोक
स्वर्गीय शारदा सिन्हा के निधन पर राजनेताओं की प्रतिक्रिया आने लगी हैं। जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दुखी मन से गहरा संवेदना व्यक्त किया हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार कोकिला शारदा सिन्हा एक प्रसिद्ध लोक गायिका थीं। उन्होंने भोजपुरी, मैथिली और हिंदी की गीतों पर अपनी आवाज दी हैं। उनके द्वारा छठ पूजा पर गाया गीत को बिहार, उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में खूब सुना जाता हैं। उनके निधन से संगीत के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है। जिसकी भरपाई नहीं की जा सकती हैं। मुख्यमंत्री ने स्वर्गीय शारदा सिन्हा की आत्मा के शांति और उनके परिजनों को इस दुख की घड़ी को सहन करने की शक्ति प्रदान करने को लेकर प्रार्थना किया।
शारदा सिन्हा के निधन पर राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने गहरा दुख व्यक्त किया। लालू यादव ने कहा कि उनके निधन से लोक गायन क्षेत्र में भरपाई नहीं की जा सकती हैं। शारदा सिन्हा के देहांत से बिहार को अपूरणीय क्षति हुयी है। उन्होंने छठ गीतों के माध्यम से अलग पहचान और साथ ही बिहार की अगल छवि बनायी थी। इस दुख की घड़ी में हम उनके परिवार के साथ खड़े हैं।