झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने सांसद निशिकांत दुबे को वर्ष 2009 में सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप से मुक्त कर दिया है। अदालत ने यह माना कि सांसद पर किसी प्रकार का आपराधिक मामला नहीं बनता है। इसलिए निचली अदालत से जो डिस्चार्ज पिटीशन खारिज की गई है वह गलत है। अदालत ने सांसद द्वारा दायर याचिका को स्वीकार कर लिया है । गोड्डा की निचली अदालत द्वारा डिस्चार्ज पिटीशन को खारिज किए जाने के आदेश को रद्द कर दिया है।
बता दें कि गोड्डा जिला के पोडैयाहाट में वर्ष 2009 में कुछ लोगों पर हुए पुलिसिया कार्रवाई के बाद सड़क जाम किया गया था। सड़क जाम के उपरांत सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ पोडैयाहाट थाना में कांड संख्या 162/2009 दर्ज करवाया गया था। उसके बाद गोड्डा निचली अदालत में वर्ष 2013 में इस मामले में संज्ञान लिया था। निचली अदालत द्वारा संज्ञान लिए जाने के बाद सांसद निशिकांत दुबे ने निचली अदालत में डिस्चार्ज पिटीशन दायर किया था। निचली अदालत ने उनके डिस्चार्ज पिटीशन को खारिज कर दिया। उसके बाद सांसद ने निचली अदालत द्वारा डिस्चार्ज पिटीशन को खारिज किए जाने के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी ।
14 साल पुराने मामले में सांसद निशिकांत दुबे को हाई कोर्ट से बड़ी राहत
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