फर्जी नंबरों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। इसको लेकर सरकार लगातार नए कदम उठाती रहती है। दरअसल हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई है। जिसमें दावा किया गया है कि सरकार ने तकरीब 55 लाख से अधिक मोबाइल कनेक्शन को बंद कर दिया है। जिसके बाद से ही फर्जी नंबर रखने वालों के बीच हड़कंप मचा हुआ है। वेरिफिकेशन अभियान सरकार ने पिछले कुछ माह से चल रखा था। इसके अधार पर ही यह नंबर वेरिफिकेशन में संदिग्ध पाए गए थे। जिसके बाद ही सरकार की ओर से इस तरह के कदम उठाये गए है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड फेशियल रेकग्निशन पावर्ड सॉल्यूशन की तरफ से 67 लाख संदिग्ध मोबाइल कनेक्शन की पहचान की गई थी। इसमें से 55.52 लाख नंबर री-वेरिफिकेशन करने में फेल हो गए थे। वही, साइबर क्राइम व फाइनांशियल फ्रॉड्स को देखते हुए इन सभी मोबाइल हैंडसेट्स को भी ब्लॉक कर दिया गया है। इन तरह के स्कैंम में लगे फ्रॉड्स के पास एक या दो नंबर नहीं बल्कि दर्जनों सिम मौजूद रहते हैं। जिसके मदद से वे आम लोगों को अपना शिकार बनाते है। इस बाबत भी सरकार का यह फैसला फ्रॉड्स के लिए अहम माना जा रहा है। हांलाकि झारखंड हाईकोर्ट की ओर से भी कई बार साइबर क्राइम व फाइनांशियल फ्रॉड्स को लेकर कानून बनाने की बात कहीं गयी है। जिसपर कमा भी किए जा रहे है।
इस बात की जानकारी लोकसभा में सरकार की तरफ से दी गई है। जिसमें सरकार ने बताया कि 70 हजार से अधिक सिम एजेंट इन मोबाइल कनेक्शन को बेचने में शामिल थे। इन्हें भी ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है। वही, 1890 प्वॉइंट ऑफ सेल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
जाने क्या है एएसटीआर