झारखंड सीआईडी ने साइबर ठग को गिरफ्तार कर लिया। इसके खिलाफ रांची साइबर सेल थाने में 1.40 करोड़ रुपये के ठगी का मामला दर्ज करया गया था। इसके बाद साइबर सेल ने आरोपी के धरपकड़ के लिए सबूत जुटानी शुरु कर दी। इसी आधार पर सीआईडी की टीम ने उसे हैदराबाद से धर दबोचा।
वहीं ट्रांजेक्शन आईपी का सर्वर दुबई में मिला है। इसकी पहचान माकिरेड्डी सुजीत कुमार के तौर पर हुई है। जिसके खिलाफ झारखंड के साथ 18 राज्यों में साइबर ठगी के 94 मामले दर्ज हैं। इस पूरे मामले के मद्देनजर झारखंड सीआईडी ने मंगलवार को जानकारी दी।
जाने कैसे हुआ ठगी का शिकार…….
रांची साइबर सेल में दर्ज मामले में शिकायतकर्ता ने बताया कि वह फेसबुक पर रील देख रहा था। इस दौरान एक लिंक दिखाई दी। जिसमें ट्रेडिंग कर मुनाफा कमाने की बात लिखी हुई थी। उसने उस लिंक पर क्लिक किया। जिसके बाद फोन पर ही एप्लीकेशन डाउनलोड हो गया। इसके बाद एप पर रजिस्ट्रेशन करने के लिए पेज खुल गया। जिसके बाद उसने एप पर पूरी जानकारी उपलब्ध कराई।
इस पूरी प्रक्रिया से गुजरने के बाद उक्त कंपनी के कस्टमर केयर अधिकारी का फोन उसके (शिकायतकर्ता) के व्हाट्सएप पर आया। जिसमें कस्टमर केयर अधिकारी ने अलग-अलग बैंक खातों में पैसा डालकर और निवेश से जुड़े फायदा का लालच दिया। जिसके बाद उसने (शिकायतकर्ता) अलग-अलग बैंक खातों से पैसा डालने लगा। इस तरह धिरे-धिरे साइबर अपराधियों ने उसके खाते से 1.40 करोड़ रुपये ट्रांसफर करवा लिया। इस दौरान उसे बार-बार रजिस्टर्ड एप पर फर्जी मुनाफा दिखाया जाता था। मुनाफा होने के बाद भी वह उन पैसों का एक बार भी निकासी नहीं कर सका। जिसके बाद उसे शक हुआ कि वह ठगी का शिकार हो चुका है। इसके बाद उसने रांची साइबर सेल थाना में मामला दर्ज कराया था।
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