नक्शा विचलन से जुड़े 12 साल पुराने एक मामले में आरोपी अरगोड़ा निवासी संजय कुमार दुबे को अदालत से झटका लगा है। उसकी ओर से दाखिल डिस्चार्ज अर्जी सीबीआई के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत ने सुनवाई पश्चात खारिज कर दी है। अदालत ने अर्जी खारिज करते हुए याचिकाकर्ता को मामले में आरोप गठन के बिंदु पर सुनवाई के दिन व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। अर्जी पर सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता बिल्डर है। उसने बेईमानी और धोखाधड़ी से मौजा कडरू के प्लॉट नंबर 127 एवं 181 पर, जिसे राज्य आवास बोर्ड के अधिग्रहण है, उस पर गलत लाभ लेने को लेकर फ्लैट बेचने के लिए बहुमंजिला अपार्टमेंट का निर्माण किया। उसने अन्य सह-आरोपियों के साथ साजिश रचने का आरोप है। यह भी आरोप लगाया गया है कि उन्होंने फ्लैट के ग्राहकों के सामने यह नहीं बताया कि जिस जमीन पर फ्लैट का निर्माण प्रस्तावित था। वह राज्य आवास बोर्ड के अधिग्रहण के अधीन थी। वहीं याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि वह जमीन मालिक है। उसे यह जानकारी नहीं थी कि वह जमीन राज्य आवास बोर्ड झारखंड द्वारा कब्जे की जांच की प्रक्रिया चल रही है। आर्किटेक्ट के द्वारा तैयार स्केच मैप को ही आरआरडीए को पास करने को दिया था। मामले में वह बिल्कुल निर्दोष है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने डिस्चार्ज अर्जी खारिज कर दी। मामले में आरोप गठन के बिंदु पर सुनवाई के लिए 19 सितंबर की तारीख निर्धारित की गई है। बता दें कि झारखंड हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में सीबीआई ने नक्शा विचलन के आरोप में साल 2011 में केस दर्ज किया है।