कुख्यात अपराधी सुरेंद्र बंगाली ने राज्य सजा पुनरीक्षण बोर्ड द्वारा जून 2023 में उनके प्रीमेच्योर रिलीज के आग्रह को खारिज किए जाने को हाईकोर्ट में दी चुनौती
झारखंड हाईकोर्ट में अपराधी सुरेंद्र सिंह रौतेला उर्फ सुरेंद्र बंगाली की उस याचिका पर सुनवाई हुई जिसमें राज्य सजा पुनरीक्षण बोर्ड द्वारा उनकी सजा से पहले रिहा करने के आग्रह को खारिज कर दिया है। सुनवाई के बाद अदालत ने इस मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है। मामले में अगली सुनवाई 12 अक्टूबर को होगी। सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से अदालत को बताया गया कि राज्य सजा पुनरीक्षण बोर्ड ने महेश और अशोक पांडेय हत्याकांड में सुरेंद्र बंगाली के आरोप को देखते हुए उसके रिहाई के आग्रह को खारिज कर दिया है। जबकि सुरेंद्र बंगाली की एक मामले में रिहाई हो चुकी है। ऐसे में सजा के पूर्व रिहा करने का लाभ मिलना चाहिए। बता दें कि सुरेंद्र बंगाली ने लालपुर थाना से जुड़े मामले में मिले आजीवन कारावास की सजा पर 21 साल जेल में रहने को ध्यान में रखते रिहा करने का आग्रह किया है। इससे पहले भी सुरेंद्र बंगाली के आग्रह को राज्य सजा पुनरीक्षण बोर्ड खारिज कर चुकी है। उसे बाद जून 2023 में सुरेंद्र बंगाली ने दोबारा सजा पुनरीक्षण बोर्ड के यहां आवेदन दिया था। लेकिन बोर्ड ने फिर से उसके आग्रह को अस्वीकार कर दिया है।