सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन खरीद बिक्री समेत अन्य जमीन की फर्जीवाड़े कर बेचने के आरोपियों को जेल में रहना पड़ा। इस मामले में मुख्य रुप से कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल और जगतबंधु टी इस्टेट के मालिक दिलीप घोष के नाम शामिल है। दरअसल ईडी के विशेष न्यायाधीश दिनेश राय की अदालत ने दोनों की ओर से दाखिल जमानत अर्जी पर शुक्रवार को सुनवाई पश्चात खारिज कर दी। इससे दोनों को झटका लगा है। अर्जी पर सुनवाई के दौरान ईडी के वकील शिव कुमार काका ने दोनों को जमानत देने का विरोध किया। बहस के दौरान कहा कि दोनों के खिलाफ ठोस सबूत के साथ मामले में चार्जशीट दाखिल है। जमीन फर्जीवाड़े में दोनों की अहम भूमिका सामने आई है। ऐसे में जमानत देना सही नहीं होगा। वहीं बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि मेरे मुवक्किल के खिलाफ कोई सबूत नहीं है। निर्दोष को आरोपी बनाया गया है। जमानत देने का अनुरोध किया। दोनों की बहस सुनने के बाद अदालत ने जमानत अर्जी खारिज कर दी। ईडी ने दोनों को आठ जून को गिरफ्तार किया था। तब से जेल में है। दोनों ने 24 जून को जमानत की गुहार लगाते हुए अर्जी दाखिल की थी। दोनों की गिरफ्तारी निलंबित आईएएस अधिकारी और रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन से जुड़े मामले में हुई है। ईडी कोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद दोनों जल्द ही हाईकोर्ट की ओर रूख करेगा।