विधानसभा चुनाव से पहले ही झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) में बगावती सुर उठने लगे हैं। झारखंड में रविवार का दिन बड़ी राजनीतिक हलचल के नाम रहा हैं। दिनभर राजनीतिक अफवाहों के गलियारें में कभी 3 बजे, तो कभी शाम 7 बजे तक दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय जाकर चंपई सोरेन बीजेपी ज्वाईन कर लेगे की चर्चा होती रही। वहीं, इस बात की लगातार अटकलें लग रही हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन जेएमएम का साथ छोड़ कर बीजेपी में शामिल होना चाहते हैं।
इन सब के बीच पूर्व मुख्यमंत्री सह जेएमएम कोटे से विधायक चंपई सोरेन ने अपना दर्द सोशल मीडिया के जरीये साझा किया हैं। इस दौरान उन्होंने बीजेपी में शामिल होने की अटकलों के बीच अपनी प्रतिक्रिया दी हैं। उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर विस्तार से अपनी बातों को रखते हुये भावुक करने वाला पोस्ट लिखा हैं। जिसमें उन्होंने पार्टी पर अपने अपमान करने का भी आरोप लगाया हैं।
चंपई सोरेन ने लिखा हैं कि आज समाचार देखने के बाद, आप सभी के मन में कई सवाल उमड़ रहे होंगे। आखिर ऐसा क्या हुआ, जिसने कोल्हान के एक छोटे से गांव में रहने वाले एक गरीब किसान के बेटे को इस मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले तीन दिनों से हो रहे अपमानजनक व्यवहार से भावुक होकर मैं आंसुओं को संभालने में लगा था। लेकिन उन्हें सिर्फ कुर्सी से मतलब था। मुझे ऐसा लगा मानो उस पार्टी में मेरा कोई वजूद ही नहीं हैं। जिस पार्टी के लिए हम ने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया।
उन्होंने आगे लिखा है कि इस बीच कई ऐसी अपमानजनक घटनाएं हुई हैं। जिसका जिक्र फिलहाल नहीं करना चाहता। इतने अपमान और तिरस्कार के बाद मैं वैकल्पिक राह तलाशने के लिए मजबूर हो गया। मैंने भारी मन से विधायक दल की उसी बैठक में कहा कि आज से मेरे जीवन का नया अध्याय शुरू होने जा रहा हैं।
चंपई सोरेन ने लिखा कि मेरे पास तीन विकल्प थे। पहला राजनीति सन्यास, दूसरा अपना अलग संगठन खड़ा करने और तीसरा इस राह में अगर कोई साथी मिले, तो उसके साथ आगे का सफर तय करने का था। उस दिन से लेकर आज तक, आगामी झारखंड विधानसभा चुनावों तक, इस सफर में मेरे लिए सभी विकल्प खुले हुये हैं।
चंपई सोरेन ने आगे लिखा हैं कि किसी भी पद पर रहा अथवा नहीं, लेकिन हर पल जनता के लिए उपलब्ध रहा। उन लोगों के मुद्दे उठाता रहा, जिन्होंने झारखंड राज्य के साथ अपने बेहतर भविष्य के लिए सपने को देखा था। 31 जनवरी को एक अभूतपूर्व घटनाक्रम के बाद इंडिया गठबंधन ने मुझे झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री के तौर पर राज्य की सेवा करने के लिए चुना।
अपने कार्यकाल के पहले दिन से लेकर आखिरी दिन (3 जुलाई) तक, मैंने पूरी निष्ठा एवं समर्पण के साथ राज्य के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया। इस दौरान हमने जनहित में कई फैसले लिए। बड़े व बुजुर्गों, महिलाओं, युवाओं, छात्रों एवं समाज के हर तबके और राज्य के हर व्यक्ति को ध्यान में रखते हुये हमने जो निर्णय लिए। उसका मूल्यांकन राज्य की जनता करेगी।
दरअसल पिछले कुछ दिनों से पूर्व सीएम सह जेएमएम कोटे से विधायक चंपई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने की चर्चा तेज हैं। इसी बीच रविवार को कोलकात्ता से चंपई सोरेन कुछ जेएमएम विधायकों के साथ दिल्ली पहुंचे। जिसके बाद से ही कयास लगाये जा रहे हैं कि वह जेएमएम के 6 विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। अगर 6 विधायकों के साथ चंपई सोरेन बीजेपी में शामिल होेते हैं तो झारखंड राजनीति की दशा और दिशा बदल जायेगी। यह चर्चा इस मायने में अहम हैं, जब झारखंड विधानसभा चुनावों के बस कुछ ही माह बचे हुये हैं। हालांकि उन्होंने पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुये कहा कि वे निजी काम के लिए दिल्ली आये हैं। उनकी बेटी दिल्ली में रहती हैं। वे उन्हीं से दिल्ली में मुलाकात करने आते रहते हैं। वहीं, चंपई सोरेन के दिल्ली दौरे से इन कयासों को और बल मिल रहा हैं। यानी अब चंपई सोरेन बीजेपी का दामन थामेगे।
इसी बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का बड़ा बयान आया हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि यह लोग (विपक्ष) गुजरात, असम, महाराष्ट्र से लोगों को यहां लाकर पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक लोगों के बीच जहर बोने का काम करती हैं। साथ ही इन्हें एक दूसरे से लड़वाने का काम करती हैं। अरे साहब समाज छोड़िए, यह लोग तो घर तक को भी फोड़ देते हैं। और पार्टी तोड़ने का काम करते हैं। आये दिन विधायकों की खरीद फरोख्त की साजिश कर के स्थिर सरकार को गिराने का काम करते हैं। अब जनता से ये बात छुपी हुई नहीं हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आगे कहा कि पैसा ऐसा चीज हैं कि नेता लोगों को इधर से उधर जाने में देर नहीं लगती। खैर कोई बात नहीं। हमारे इंडिया गठबंधन की सरकार 2019 से निरंतर जनता के बीच में खड़ी हैं।