22 साल पुराने फर्जीवाड़ा कर सरकारी राशि गबन मामले के अभियुक्त प्रयागराज निवासी अमन नाथ गुप्ता को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत ने शनिवार को दोषी करार कर तीन साल कैद की सजा सुनाई है। साथ ही उस पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। जुर्माने की राशि नहीं देने पर उसे अतिरिक्त एक साल जेल काटनी होगी। अभियुक्त के इंजीनियर पिता मोती लाल गुप्ता भी मामले में आरोपी थे। सुनवाई के दौरान उनकी मौत हो गई। अभियुक्त पर चांडिल डैम साइट पर एप्रोच रोड बनाने के नाम पर फर्जी तरीके से एक लाख 17 हजार रुपये से अधिक अवैध निकासी करने का आरोप था। अभियुक्त मामले में बीते पांच मई से जेल में है। सीबीआई के लोक अभियोजक रवि कुमार एवं खुशबू जयसवाल ने संयुक्त रूप से मामले में गवाही एवं बहस की। सीबीआई की ओर से केस को साबित करने के लिए 33 गवाहों को प्रस्तुत किया गया था। बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता राकेश कुमार ने पक्ष रखा था। सीबीआई ने सरकारी पद का दुरुपयोग, धोखाधड़ी, गबन समेत अन्य आरोप में 15 जनवरी 2001 को तीन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। एक आरोपी को सीबीआई ने सरकारी गवाह बनाया था। फर्जीवाड़ा 1988 से 1994 के बीच किया गया था। अभियुक्त के पिता स्वर्णरेखा डैम प्रोजेक्ट, चांडिल डैम साइट में इंजीनियर थे। उसने ही कागजी कंपनी बनाकर अपने बेटे अमरनाथ गुप्ता को संचालक बनाया। कागज पर ही एप्रोच रोड बनाकर राशि भी निकाल ली थी।