लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्ष द्वारा सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। यह प्रस्ताव कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई की ओर से सदन में लाया गया। स्पीकर ने अविश्वास प्रस्ताव पर बहस की इजाजत दी। उन्होंने कहा कि इसपर विस्तृत चर्चा के बाद तारीख का एलान करूंगा। वह सभी दलों के नेताओं से बातचीत करके इस पर चर्चा की तिथि के बारे में अवगत कराएंगे।लोकसभा में शून्यकाल के दौरान बिरला ने कहा कि मुझे सदन को सूचित करना है कि गौरव गोगोई से नियम 198 के तहत मंत्रिपरिषद में अविश्वास प्रस्ताव का अनुरोध प्राप्त हुआ है। कृपया आप (गोगोई) सदन की अनुमति प्राप्त करें। इसके बाद गोगोई ने कहा कि मैं निम्नलिखित प्रस्ताव के लिए सदन की अनुमति चाहता हूं। यह सभा मंत्रिपरिषद में विश्वास का अभाव प्रकट करती है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस प्रस्ताव की अनुमति देने का समर्थन करने वाले सदस्यों से अपने स्थान पर खड़े होने के लिए कहा। इस पर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक और कई अन्य विपक्षी दलों के सदस्य खड़े हो गए। इसके बाद ओम बिरला ने कहा कि इस प्रस्ताव को अनुमति दी जाती है। मैं सभी दलों के नेताओं से चर्चा करके उचित समय पर इस प्रस्ताव पर चर्चा कराने की तिथि के बारे में आप लोगों को अवगत करा दूंगा। अविश्वास प्रस्ताव चर्चा के लिए स्वीकार होने के बाद विपक्ष के कुछ सदस्यों ने ‘चक दे इंडिया’ का नारा लगाया।
प्रधानमंत्री को मणिपुर मुद्दे पर बयान देना चाहिए : नीतीश
लोकसभा में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पीएम को इसपर (मणिपुर मुद्दे) बयान देना चाहिए। वे (प्रधानमंत्री मोदी) सब दिन गायब रहते हैं। मणिपुर में जो भी घटना हो रही हैं, विपक्ष एकजुट होकर इस मुद्दे को उठा रहा है।
सोनिया गांधी ने आप सांसद संजय सिंह से की मुलाकात
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज संसद पहुंचते ही आप सांसद संजय सिंह से मुलाकात की। संजय सिंह और कांग्रेस सांसद रजनी पाटिल को संसद के शेष मानसून सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है।
सरकार हर स्थिति के लिए तैयार: मेघवाल
केंद्रीय संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव आने दीजिए। सरकार हर स्थिति के लिए तैयार है। हम मणिपुर पर चर्चा चाहते हैं। सत्र शुरू होने से पहले, वे चर्चा चाहते थे। जब हम सहमत हुए तो उन्होंने नियमों का मुद्दा उठाया। जब हम नियमों पर सहमत हुए तो वे नया मुद्दा लेकर आए कि प्रधानमंत्री आएं और चर्चा शुरू करें। मुझे लगता है ये सब बहाने हैं।
लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस की इजाजत
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