झारखंड हाईकोर्ट में सोमवार को चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र एवं जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में द्वितीय जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की सीबीआई जांच कराने एवं राज्य सरकार की अपील की सुनवाई हुई। मामले में सीबीआई की ओर से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल किया गया। जिस पर राज्य सरकार ने स्टेटस रिपोर्ट अध्ययन करने के लिए कोर्ट से समय की मांग की। मामले की अगली सुनवाई 16 अगस्त को होगी। इससे पहले इसी मामले में राज्य सरकार की अपील पर सुनवाई के दौरान अपीलकर्ता की ओर से कोर्ट को मौखिक रूप से बताया गया की सरकार ने उन्हें पद पर फिर से बहाल कर प्रमोशन दे दिया है, उनमें से बहुत लोगों का कंफर्मेशन भी हो गया है। इसलिए सरकार की अपील पर मेरिट पर सुनवाई करने का कोई औचित्य नहीं है। सरकार एक तरफ जेपीएससी द्वितीय की परीक्षा के नियुक्त अधिकारियों को रीइंस्टेट कर उन्हें प्रमोशन दे रही है और उनकी नियुक्ति कंफर्म कर रही है वहीं दूसरी ओर नियुक्त अधिकारियों के खिलाफ अपील भी दायर कर रही है, यह समझ से परे है। जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवार एवं प्रिंस कुमार ने पैरवी की।दरअसल , बुद्धदेव उरांव ने जेपीएससी द्वितीय की परीक्षा में अंको की हेरा फेरी एवं एवं रिजल्ट प्रकाशन में गड़बड़ी की जांच सीबीआई से कराने का आग्रह किया है। वही राज्य सरकार की ओर से जेपीएससी द्वितीय के नियुक्त अधिकारियों के खिलाफ एलपीए दायर किया गया है। बता दें कि पहले राज्य सरकार द्वारा ली गई द्वितीय जेपीएससी जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में गड़बड़ी की जांच निगरानी ब्यूरो कर रही थी, बाद में हाईकोर्ट के आदेश पर इसकी जांच सीबीआई को दे दी गई थी।