झारखंड हाईकोर्ट में शुक्रवार को चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में राज्य के मेडिकल कॉलेजों एवं सरकारी एवं निजी अस्पतालों में फायर फाइटिंग की सुविधा मुहैया कराने को लेकर दाखिल अनुरंजन अशोक की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। मामले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से जवाब दाखिल नहीं किया गया। जिस पर कोर्ट स्वास्थ्य विभाग को जवाब दाखिल करने का एक मौका देती हुए सुनवाई की तिथि एक सितंबर निर्धारित की। सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने कोर्ट को बताया कि वर्ष 2016 में मेडिकल कॉलेजों एवं सरकारी और निजी अस्पतालों में फायर फाइटिंग की व्यवस्था करने को लेकर हाईकोर्ट ने आदेश दिया था। जिसके बाद राज्य सरकार ने टेंडर आमंत्रित किया था। इसके बाद टेंडर की कुछ प्रक्रिया भी हुई थी, लेकिन इसके बाद इस पर ध्यान नहीं दिया गया। बता दें कि प्रार्थी ने याचिका दाखिल कर कहा है कि राज्य के मेडिकल कॉलेजों एवं सरकारी एवं निजी अस्पतालों में फायर सेफ्टी जरूरी है। इसके लिए फायर एक्सटिंग्विशर सहित अन्य फायर उपकरण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों में अप्रिय घटना होने पर आग पर काबू पाया जा सके।