राष्ट्रीय जांच एजेंसी की ओर से प्रतिबंधित संगठन पीएफआई के मोतिहारी मॉड्यूल का खुलासा होने और इस संगठन के मुख्य ट्रेनर याकूब खान उर्फ सुल्तान की गिरफ्तारी के बाद जांच एजेंसी को कई अहम जानकारी मिली है। जानकारी के अनुसार 22 वर्षीय याकूब सुल्तान दुबई में छुपे मो सज्जाद आलम, रेयाज, मो आरिफ, मो बिलाल समेत अन्य भारत विरोधी आतंकियों के निरंतर संपर्क में था। जिनके निर्देश पर भटके लोगो के लिए ट्रेनिंग कैंप का संचालन किया जाता था। याकूब सुल्तान वाट्सएप कॉल के माध्यम से लगातार इन लोगों से बात भी करता था। जांच एजेंसी के पास कई चैट और कॉलिंग के प्रमाण मौजूद है। पूछताछ के दौरान याकूब ने इस बात का खुलासा किया है कि एनआईए और एटीएस की छापेमारी के पूर्व वह बेतिया जाकर कुछ दिनों के लिए छिपा था। जहां से वह नेपाल के पोखरा जाकर इस मामले के दूसरे प्रमुख आरोपी मो इरशाद आलम के साथ रहने लगा। लेकिन बीते 18 मार्च को मो इरशाद की गिरफ्तारी के बाद वह मुंबई के धारावी में अपने रिश्तेदारो के साथ रहने लगा। मुंबई से वह अप्रैल में लौटकर आने के बाद वह पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर में कई करीबियों से निरंतर संपर्क में रहा। उसने बताया कि वह हथियारों का एक्सपर्ट है। इस कारण ही संगठन के स्लीपर सेल ट्रेनिंग देने का काम सौंपा था। वह बेरोजगार और भटके हुए युवाओं के मन में धार्मिक कट्टरता भावना को भरकर आतंकी गतिविधियो में शामिल होने के लिए ब्रेन वॉश करने का काम करता था।