जांच रिपोर्ट नहीं पेश करने पर विधानसभा सचिव को कोर्ट में देना होगा जवाब
झारखंड हाईकोर्ट में मंगलवार को चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा एवं जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में विधानसभा नियुक्ति घोटाला मामले में दोषी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान जांच रिपोर्ट पेश नहीं किए जाने पर अदालत ने नाराजगी व्यक्त की। रिपोर्ट पेश करने का अंतिम मौका देते हुए अदालत ने कहा कि जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद द्वारा दिए गए जांच रिपोर्ट 16 अगस्त से पूर्व पेश करें। चेतावनी देते हुए कहा कि पेश नहीं करने पर विधानसभा सचिव अदालत में हाजिर होकर बताएं कि किस परिस्थिति में कोर्ट के आदेश के बावजूद भी जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद की रिपोर्ट पेश नहीं की जा सकी। मामले की अगली सुनवाई की तारीख 16 अगस्त निर्धारित की गई है। वर्ष 2005 से 2007 के बीच झारखंड विधानसभा में नियुक्ति हुई थी। उस नियुक्ति में गड़बड़ी की बात सामने आई। उसके बाद इस मामले की जांच के लिए सेवानिवृत्त जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद को जांच का जिम्मा सौंपा गया था। उन्होंने जांच कर जांच रिपोर्ट राज्यपाल को सौंप दिया है। उसके बाद राज्यपाल ने विधानसभा अध्यक्ष को इस पर एक्शन लेने के लिए निर्देश दिया था। लेकिन उसके बाद कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। कार्रवाई नहीं होने के बाद याचिकाकर्ता शिव शंकर शर्मा ने जनहित याचिका दायर की है।