मनरेगा कर्मचारियों ने अपने 7 सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन करने की पूरी तैयारी कर ली है। सरकार चुनाव से पूर्व अपनी सेवा नियमितीकरण के वादो कोृ पूरी नहीं कर रही। जिसका कर्मचारियों में रोष है। इसके मद्देनजर चरणबद्ध तरीके से आंदोलन कर सरकार को याद दिलाया जाएगा। जिसके तहत मनरेगा कर्मचारी सरकार के बेरुखी और वादा खिलाफी का पर्चा आम जनता तक पहुंचाने, सभी जिला मुख्यालयों में एक दिवसीय धरना और मुख्यमंत्री के नाम उपयुक्त को मांग पत्र 23 से 31 जुलाई तक देने , कैबिनेट मंत्री के आवास घेराव 20 से 31 अगस्त तक करने, 18 सितंबर को मुख्यमंत्री आवास घेराव, 10 अक्टूबर को ग्रामीण विकास मंत्री के आवास पर घेरा डालो डेरा डालो कार्यक्रम शामिल है। इसके बावजूद भी अगर मांगें पूरी नहीं हुई , तो मनरेगा कर्मचारी अनिश्चतकालीन हड़ताल के लिए बाध्य होगे। ये बातें झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष जॉन बागे ने रविवार को मोरहाबादी मैदान में आयोजित बैठक में कही। इसकी अध्यक्षता जॉन पीटर बागे और मंच संचालन सचिव विकास पांडेय ने किया । उन्होंने कहा कि सरकार की उपेक्षा से कर्मचारी कर्मचारियों में रोष है। जेएमएम गठबंधन सरकार बनने से पूर्व मनरेगा कर्मचारियों को आश्वस्त किया था कि अगर उनकी सरकार आती है ,तो नियमितीकरण के मसले को प्राथिमकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि अब सरकार से भरोसा उठ गया है। इसको लेकर आज मोराबादी मैदान में बैठक की गई है। जिसमें 7 चरणों में आंदोलन को किया जाएगा। जिसके माध्यम से विभिन्न स्तर पर अपनी मांगों से सरकार को अवगत करवाने का कार्य शामिल है।
संघ के उपाध्यक्ष पंकज सिंह ने कहा कि सरकार ने मनरेगा कर्मियों को छलने का काम किया है। हमलोगों ने कई बार अपनी मांगों को सरकार के पास रखने का प्रयास किए। पर सरकार सुस्त अवस्था में चली गई है । इन्हें संविदा कर्मियों के दुःख, तकलीफ अब दिखाई नहीं दे रहे हैं। जिस तरह रघुवर सरकार को उखाड़ फेंकने का काम अनुबंध कर्मियों ने किया था , ठीक उसी तरह इस सरकार को उखाड़ फेंकने का काम किया जाएगा।