रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि रिजर्व बैंक (आरबीआई) मुद्रास्फीति को चार फीसदी के लक्ष्य तक पहुंचाने का प्रयास करेगा। हालांकि, उन्होंने अल-नीनो को अपने प्रयासों के लिए एक चुनौती माना। गवर्नर ने भरोसा जताया कि अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2024 में 6.5 फीसदी की दर से वृद्धि करेगी। जैसाकि आरबीआई ने पहले अनुमान लगाया था। उन्होने कहा कि पिछले साल मई से आरबीआई की दर में 2.50 फीसदी की वृद्धि और सरकार के आपूर्ति-पक्ष उपायों से पिछले साल अप्रैल की 7.8 फीसदी की महंगाई को 4.25 तक लाने में मदद मिली है। हम महंगाई के मोर्चे पर लगातार सतर्क हैं। हमारा अनुमान है कि वित्त वर्ष 2024 में मुद्रास्फीति 5.1 फीसदी रहेगी। जिसको घटाकर 4 फीसदी पर लाने का प्रयास जारी रखेंगे। अर्थव्यवस्था की वृद्धि के मोर्चे पर गवर्नर ने कहा कि रिजर्व बैंक ने वास्तविक जीडीपी में 6.5 फीसदी की वृद्धि के अपने अनुमान पर पहुंचने से पहले सभी कारकों को ध्यान में रखा है। भरोसा है कि अर्थव्यवस्था के इस लक्ष्य को हासिल कर लेगे। करीब 16 फीसदी की बैंक ऋण वृद्धि टिकाऊ है। रिजर्व बैंक इस मोर्चे पर हर घटनाक्रमों पर नजर रखे हुए है। उन्होंने कहा कि कंपनियों की ओर से भी कर्ज की काफी मांग है। जिसमें परियोजना ऋण भी शामिल है।