रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सीमाओं पर दोहरे खतरे और दुनिया भर में रण कौशल के बदलते आयामों के मद्देनजर रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बनने की जरुरत है। यह भारत के लिए विकल्प नहीं बल्कि आवश्यकता बन गई है। ये बाते रक्षा मंत्री लखनऊ में पूर्व सैनिकों के एक थिंक-टैंक सह मीडिया संगठन की ओर से ‘आत्मनिर्भर भारत’ विषय पर आयोजित रक्षा संवाद के दौरान कहीं। उन्होंने मजबूत और आत्मनिर्भर सेना को संप्रभु राष्ट्र की रीढ़ बताया। उन्होंने कहा कि सेना सीमाओं की रक्षा के साथ देश की सभ्यता और संस्कृति की रक्षा करती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार सुनिश्चित कर रही है कि सशस्त्र बल विदेशी हथियारों और उपकरणों पर निर्भर नहीं रहें। उन्होंने जोर देते हुये कहा कि असली शक्ति ‘आत्मनिर्भर’ होने में निहित है। आपात स्थिति उत्पन्न होने पर इसकी महत्व अधिक हो जाती है।