बीजेपी कार्यालय से लाइव.. संतोष चौरसिया…
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री सह उड़ीसा के पूर्व राज्यपाल रघुवर दास ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ले ली हैं। तय कार्यक्रम के अनुसार रघुवर दास बीजेपी प्रदेश कार्यालय पहुंचे। जहां कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया। इस दौरान प्रदेश कार्यालय से लेकर सड़क भगवामय बना रहा। कार्यकर्ता के चेहरे पर खुशी थी, वहीं, रह रह कर रघुवर दास के पक्ष में नारे लगाये जा रहे थे।
रघुवर दास का काफिला जैसे ही प्रदेश कार्यालय के पास पहुंचा, कार्यकर्ताओं ने गर्म जोशी से उनका स्वागत किया। जहां रघुवर दास ने भी कार्यकर्ताओं का अभिनंदन सहजता से स्वीकार करते हुये कार्यालय में प्रवेश कर गये। जिसके बाद उन्होंने सबसे पहले संगठन के पदाधियारियों से मुलाकात की।
इस पूरी प्रक्रिया के बाद एक सादे कार्यक्रम में रघुवर दास की सदस्यता ग्रहण की औपचारिकता को शुरू की गयी। जहां प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने खुद रघुवर दास को पार्टी की सदस्यता ग्रहण करवाया। इस दौरान केंद्रीय राज्य रक्षा मंत्री संजय सेठ, सांसद मनीष जयसवाल, राज्यसभा सांसद आदित्य प्रसाद साहू, रांची विधायक सीपी सिंह, कोडरमा विधायक डॉ नीरा यादव, डालटनगंज विधायक आलोक चौरसिया, प्रदेश बीजेपी कार्यकारी अध्यक्ष डॉ रवींद्र कुमार राय, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री नागेंद्र त्रिपाठी, प्रदेश संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह, प्रदेश सदस्यता प्रभारी राकेश प्रसाद, महिला नेत्री गंगोत्री कुजूर, शोभा यादव, पूर्व विधायक अमर बाउरी समेत अन्य वरिष्ट नेता, सांसद, विधायक और कार्यकर्ता मौजूद थे। हांलाकि यह अबतक स्पष्ट नहीं हुआ हैं कि उन्हें प्रदेश में जिम्मेवारी मिलेगा या फिर केंद्रीय संगठन स्तर पर। बहरहाल रघुवर दास के सदस्यता लेने के बाद झारखंड में भजपा कार्यकर्ताओं के बीच एक नयी उर्जा का संचार हुआ हैं।
बीजेपी की सदस्यता लेने के बाद रघुवर दास ने कहा कि राज्यपाल होना गरिमा की बात होती है पर संगठन का दास होना गर्व की बात हैं। 2024 में अपेक्षा अनुसार हमें रिजल्ट नहीं मिला। लेकिन निराश होने की जरूरत नहीं। हम फिर से वापस आएंगे.. वी विल कम बैक सून.. रघुवर दास ने कहा कि 1980 के बाद मैं दूसरी बार भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ले रहा हूं। 26 अक्टूबर 2023 को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को इस्तीफा सौंप था। जिस पार्टी ने गरीब मजदूर परिवार को सम्मान दिया उसकी सदस्यता छोड़ना मेरे लिए भावुक पल था। सत्ता रहे चाहे नहीं, यह एक प्रक्रिया हैं। चुनाव में हार जीत लगी रहती हैं।
उन्होंने कहा कि सत्ता हासिल करना हमारा उद्देश्य नहीं। झारखंड की जनता ने जो जनादेश दिया हम उसका सम्मान करते हैं। लेकिन जनता ने हमें भी विपक्ष की भूमिका का अधिकार दिया हैं। जिसका हम पूरी तरह से पालन करेगे। हमें सरकार को 5 से 6 महीने का समय देना चाहिए। अगर सरकार जनता से किये वादे को पूरा नहीं किया, तो हम मानेगे कि सरकार ने जनादेश का अपमान किया हैं। जिसके बाद हम सड़क से लेकर सदन तक विरोध करेंगे। रघुवर दास ने सक्रिय राजनीति में लौटते ही धर्मांतरण के खिलाफ अभियान चलाने बात कहीं।
बीजेपी की ओर से चलाये जा रहे सदस्यता अभियान पर उन्होंने फोकस करते हुये कार्यकर्ताओं से कहा कि अपने काम करने के बाद कम से कम हर रोज दो घंटे पार्टी को दे। हर गली हर घर में जाये और पार्टी के सदस्य के रूप में उन्हें जोड़ें। प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि जनता से किये वादे को पूरा करने के लिए सरकार को याद दिलाते रहेगे। उन्होंने कहा कि हर कार्यकर्ता पार्टी से लोगों को जोड़े। सदस्यता अभियान समाप्त होने के बाद लोगों के अधिकार के लिए सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष करेंगे।
बता दें कि रघुवर दास ने 31 अक्टूबर 2023 को ओडिशा के राज्यपाल पद की जिम्मेवारी संभाली थी। जिसके बाद उन्होंने 24 दिसंबर 2024 को ओडिशा के राज्यपाल के पद से देर रात इस्तीफा दे दिया था। दरअसल राज्यपाल पद की शपथ लेने से पहले रघुवर दास को भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देना पड़ा था। संविधान अनुसार राज्यपाल की जिम्मेवारी संभालने से पहले वह व्यक्ति किसी भी राजनीतिक दल का सदस्य नहीं हो सकता हैं। जिसके वजह से रघुवर दास ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया था।
वहीं, अब राज्यपाल पद से इस्तीफा देने के बाद रघुवर दास ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण कर ली हैं। जिसके बाद एक बार फिर रघुवर दास की भारतीय और झारखंड की राजनीति में सक्रिय बढ़ेगी। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को संगठन से लेकर सरकार चलाने तक का अनुभव हैं। वह दो बार प्रदेश अध्यक्ष और झारखंड के ऐसे पहले मुख्यमंत्री हैं जो लगातार पांच सालों तक सफलता पूर्वक सरकार चलाने में कामयाब रहे हैं। झारखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 2019 में सबसे अधिक सीटें जीतीं थीं। उस वक्त पार्टी ने रघुवर दास को मुख्यमंत्री बनाया था।