विधानसभा चुनाव से पहले झारखंड को नया मुख्य सचिव मिल गया हैं। कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग ने अलका तिवारी के नाम पर मुहर लगा दी हैं। इस बाबत अधिसूचना भी जारी कर दिया गया हैं। अधिसूचना के अनुसार अलका तिवारी को अगले आदेश तक के लिए झारखंड के मुख्य सचिव की जिम्मेवारी दी गयी हैं। इसके साथ ही अब से भारतीय प्रशासनिक सेवा की 1988 बैच की आईएएस अधिकारी अलका तिवारी झारखंड की नयी मुख्य सचिव होगी।
भारत निर्वाचन आयोग की ओर से अलका तिवारी की नियुक्ति को लेकर सहमति प्रदान कर दी गयी हैं। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के दौरान आईएएस अलका तिवारी केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव और वित्तीय सलाहकार के रूप में भी काम कर चुकी हैं। इसके साथ ही उन्होंने जनजाति आयोग के सचिव के रूप में भी कामन संभाला हैं।
हांलाकि पिछले दिनों अलका तिवारी अपने मूल कैडर (झारखंड) में वापस लौटी हैं। दरअसल 15 अक्टूबर 2024 को ही केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से उन्हें विमुक्त दिया गया था। जिसके बाद अलका तिवारी को झारखंड सरकार के राजस्व पर्षद में बतौर सदस्य नियुक्त किया गया। इसके बाद से चर्चाएं जोरो पर थी कि अलका तिवारी को जल्द ही मुख्य सचिव की जिम्मेवारी दी जा रही हैं। जिसका आज कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग ने अधिसूचना भी जारी कर दिया।
ज्ञात हो कि 31 अक्टूबर 2024 को राज्य के मुख्य सचिव एल ख्यिगांते सेवानिवृत हो गये थे। इससे पहले विधानसभा चुनाव को लेकर एल खियांग्ते को तीन महीने का एक्सटेंशन देने का प्रस्ताव केद्र को भेजा गया था। जिसपर आईएएस अधिकारी एल खियांग्ते के रिटायर से पहले कोई आदेश नहीं आ पाया। जिसके बाद 31 अक्टूबर को आईएएस अधिकारी एल खियांग्ते रिटायर हो गये। बतौर मुख्य सचिव एल खियांग्ते का कार्यकाल 11 माह का रहा। बता दें कि आईएएस अधिकारी सुखदेव सिंह के बाद एल खियांग्ते को मुख्य सचिव की जिम्मेवारी मिली थी।
झारखंड में पति डीके तिवारी भी रह चुके हैं मुख्य सचिव….
झारखंड की मुख्य सचिव अलका तिवारी के पति डॉ डीके तिवारी भी मुख्य सचिव के पद पर रह चुके हैं। उनके पति डीके तिवारी झारखंड कैडर के 1986 बैच के आईएएस अधिकारी थे। जो झारखंड के मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुये हैं। वर्तमान में डीके तिवारी राज्य चुनाव आयुक्त के पद पर कार्यरत हैं।
रांची व मेरठ विश्वविद्यालय से पढ़ाई की, गुमला और लोहरदगा की रही हैं डीसी….
मेरठ विश्वविद्यालय से अलका तिवारी ने मनोविज्ञान में स्नातकोत्तर की हैं। स्नातकोत्तर में वे टॉपर रही थी। जिसके बाद उन्होंने मैनचेस्टर विश्वविद्यालय, यूके के सिविल और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग विभाग से एमएससी किया। जहां उन्होंने विकास परियोजनाओं के प्रबंधन और कार्यान्वयन के पाठ्यक्रम में शीर्ष स्थान प्राप्त किया। इस दौरान उन्होंने स्वर्ण पदक भी हासिल की। वहीं, अलका तिवारी ने रांची विश्वविद्यालय से कानून स्नातक में भी पढ़ाई की हैं। आईएएस बनने के बाद अलका तिवारी गुमला और लोहरदगा जिलों में डीसी के पद पर कार्यरत रही थीं।