झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर तेजी से घटनाएं पल-पल बदल रही हैं। यह खबर जेएमएम से जुड़ा हुआ हैं। झामुमो वैसे पूर्व विधायकों को एक बार फिर से वापस लाने की कवायत में लगा हुआ हैं, जो पहले किसी ना किसी कारण से नाराज चल रहे थे। जिसके बाद वे या तो जेएमएम छोड़ चुके थे या फिर उन्हें पार्टी ने निलंबित कर दिया था। झारखंड विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मुख्यमंत्री इस बात को समझते हैं। जिसकी अगुवाई खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कर रहे हैं। इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुये मुख्यमंत्री नाराज विधायकों के गिले शिकवे को बातचीत से सुलझा रहे हैं। जो झामुमो के लिए कारगर साबित हो रहा हैं। एक दिन पहले ही विशुनपुर सीट से विधायक रहे चमरा लिंडा के शिकवे शिकायतों को दूर कर वापस मनाया, तो वहीं दूसरी ओर सिल्ली विधानसभा सीट से बड़ी खबर निकल कर आ रही हैं।
दरअसल सिल्ली के पूर्व विधायक अमित महतो ने एक बार फिर आज झामुमो में दामन थाम लिया हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उन्हें झामुमो में शामिल कराया हैं। जिसके बाद उन्होंने खुद यानी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने सोशल अकाउंट्स से अमित महतो के साथ फोटो को साझा किया। उन्होंने पोस्ट कर लिखा है कि सिल्ली के पूर्व विधायक और जुझारू युवा नेता अमित महतो का झामुमो परिवार में पुनः स्वागत हैं। लड़ जाओ, भिड़ जाओ!..
बता दें कि सिल्ली विधानसभा सीट पर आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो को अमित महतो ने वर्ष 2015 में हराया था। जहां जेएमएम की टिकट से अमित महतो पहली बार विधायक बने थे। चूंकि अमित महतो ने सुदेश महतो को हराया था, जिसके वजह से अमित महतो झारखंड की राजनीति में तेज तर्रार युवा नेता के तौर पर उभरे थे।
वहीं, सोनहातु के तत्कालीन सीओ के साथ गाली-गलौज और दुर्व्यवहार करने के मामले में रांची सिविल कोर्ट ने पूर्व विधायक अमित महतो को दो साल तक की सजा सुनाई थी। जिसके वजह से अमित महतो की विधायकी चली गयी थी। रांची सिविल कोर्ट की ओर से सजा सुनाये जाने के बाद पूर्व विधायक अमित महतो ने झारखंड हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जहां हाईकोर्ट ने अमित महतो को राहत प्रदान की। जिसके तहत अमित महतो की सजा को कम करते हुये एक साल कर दिया गया था। वहीं, अमित महतो की जेएमएम से दूरियां आदिवासी खतियानी समेत अन्य मसलो को लेकर भी था।