हमारे देश के मुस्लिम समाज का हक रोहिंग्या मुसलमान छीन रहा हैं। सरकार को इस दिशा में सख्ती के साथ नियंत्रण करनी चाहिए। समाज के सभी वर्गों से मेरा निवेदन होगा कि अपने देश और प्रदेश की रक्षा के लिए चाहे किसी धर्म, समुदाय अथवा संप्रदाय के लोग हो तो, सामने आये। विदेशी षड्यंत्र के मंसूबो को कुचलना हमारा नैतिक कर्तव्य भी है। ये बातें साधु संत समाज के महामंत्री स्वामी दिव्यानंद महाराज ने गुरुवार को आयोजित प्रेसवार्ता में कहीं। पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने सरकार से पांच सवल भी पूछे। जिसमें उत्पाद सिपाही बहाली में 12 युवाओं की मौत, बेरोजगारी, डेमोग्राफी, अपराधिक घटना समेत अन्य शामिल हैं। उन्होंने कहा कि रोहिंगिया मुसलमान के घुसपैठ के कारण प्रदेश की डेमोग्राफी बदलती जा रही है। झारखंड की युवतियों के साथ नाटक करके प्रेम संबंध बनाते हैं। फिर एक षड्यंत्र के तहत पहले उन से शादी करते हैं, और जिसके बाद उनकी संपत्ति को हड़प कर उनका धर्म परिवर्तन भी करते हैं।
उन्होंने कहा कि पढ़े लिखे युवाओं का पलायन हो रहा हैं। वे झारखंड छोड़कर दूसरे राज्यों में नौकरी की तलाशने में जा रहे हैं। युवा अपना घर छोड़कर बाहर रहने के लिए मजबूर हैं। सरकार युवाओं को नौकरी कैसे दें और साथ ही कॉरपोरेट कंपनियों को झारखंड में बुलाकर युवाओं को अवसर देने की कोशिश क्यों नहीं कर रही है, यह समझ से परे हैं। किसी के घर का चिराग बुझ गया, क्या चंद पैसों से उसके जान की कीमत लगाई जा सकती है? घटना कभी भी कहीं भी घट सकती है लेकिन सरकार की गलत नीतियों की वजह से उत्पाद सिपाही बहाली जैसी घटना हुई हैं। इस पर हम सब को मंथन करने की जरुरत हैं।
उन्होंने कहा कि युवाओं का फिजिकल टेस्ट कम होना चाहिए। दौड़ लगाने से पहले सरकार एक अभिभावक के भाव रखकर उसे उचित सुविधा प्रदान करें। यह बात दोबारा कहने का तात्पर्य है कि आज से फिजिकल टेस्ट पुनः होना है। सरकार आस्वस्थ करें की दोबारा ऐसी घटना ना हो। जिसके वजह से किसी के घर का चिराग ना बुझ जाये।
लगातार राज्य में बढ़ती अपराधिक गतिविधियों पर उन्होंने कहा कि माहौल भयावह हो गया है। रांची में सुशासन व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह्न लग रहे हैं। महिलाएं घर से निकले, बेटियां सुरक्षित रहे, युवाओं के भविष्य सुरक्षित रहे, इन भावों को ध्यान में रखकर सरकार को अपने गुड गवर्नेंस की मिसाल पेश करनी चाहिए। उन्होंने सरकार से आग्रह करते हुये कहा कि राज्य सरकार तुष्टिकरण की राजनीति को छोड़े। पक्षपात की राजनीति से परे होकर जनता की हित में काम करें। अगर इससे इतर प्रदेश की उन्नति का भाव मन में नहीं रखेगे तो, आने वाले दो-चार महीना के अंदर ही जनता अपना फैसला सुनाने वाली हैं।