गुरुद्वारा श्री गुरु नानक सत्संग सभा, कृष्णा नगर कॉलोनी में बुधवार को गुरु ग्रंथ साहिब महाराज के पहले प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में दीवान सजायी गयी। जहां गुरु नानक नाम लेवा संगत ने श्रद्धा भावना के साथ गुलाब फूल की पंखुड़ियों की वर्षा कर श्री गुरुग्रंथ साहिब का प्रकाश किया। इस दौरान विशेष दीवान की शुरुआत सुबह चार बजे नितनेम साहिब के पाठ से हुई। इसके पश्चात समूह में साध संगत ने सुखमनी साहिब का सामूहिक पाठ किया।
हजूरी रागी जत्था भाई महिपाल सिंह ने रंग रता मेरा साहिब रब रहया भरपूर.. लख खुशियां पातशाहियां जे सतगुर नदर करे.. डिठे सभे थाव नही तुध जेहिया.. समेत अन्य शबद गायन कर संगत को गुरवाणी से जोड़ा। प्रकाश पर्व को लेकर विशेष रूप से शिरकत करने पहुंची बीबी जागीर कौर खालसा ने वाहो वाहो बाणी निरंकार है तिस जेवड अवर ना कोए..बाणी गुरु गुरु है बाणी विच बाणी अमृत सारे.. ऊच अपार बेअंत सुआमी कौण जाणे गुण तेरे.. जैसे शबद गायन कर साध संगत को मंत्रमुग्ध कर दिया।
गुरविंदर सिंह जम्मू वाले ने गुरुग्रंथ साहिब की महिमा का वर्णन करते हुये कहा कि गुरु ग्रंथ साहिब हमेशा मानवता का मार्गदर्शन करते हैं। हमें सेवा, करुणा और सौहार्द सिखाते हैं। अन्याय के आगे झुकने की कभी नहीं शिक्षा देते हैं।
उन्होंने कहा कि गुरु ग्रंथ साहिब भारतीय समाज में एकता का प्रतीक हैं। साथ ही गुरुग्रंथ साहिब में सभी धर्म वर्गों के महापुरुषों व संतों की वाणी दर्ज है। हम सबको श्री गुरुग्रंथ साहिब की वाणी से प्रेरणा लेनी चाहिए। इस दौरान उन्होंने साध संगतों के बीच गुरमति विचार को विस्तार पूर्वक साझा किया।
वहीं, सत्संग सभा के अध्यक्ष द्वारका दास मुंजाल ने बीबी जागीर कौर खालसा और सचिव अर्जुन देव मिढ़ा ने भाई गुरविंदर सिंह जम्मू वाले को गुरु घर का सरोपा भेंट कर सम्मानित किया। जिसके बाद सत्संग सभा के सचिव अर्जुन देव मिढ़ा ने साध संगत को प्रकाश पर्व की बधाई दी। उन्होंने श्रद्धालुओं से आग्रह करते हुये कहा कि इसी तरह गुरुघर से जुड़े रहे।
वहीं, गुरुद्वारा के हेड ग्रंथी ज्ञानी जीवेंदर सिंह ने आनंद साहिब के पाठ, अरदास और हुकुमनामा के साथ विशेष दीवान की समाप्ति की घोषणा कर दी।। इस दौरान श्रद्धालुओं के बीच कढ़ाह प्रसाद का वितरण किया गया। इस अवसर पर सत्संग समाज की ओर से श्रद्धालुओं के लिए चाय व नाश्ते का लंगर भी चलाया गया।
निशान साहिब को पहनाया नया चोला…..
सत्संग सभा के मीडिया प्रभारी नरेश पपनेजा ने बताया कि गुरुद्वारा साहिब के मीत ग्रंथी भाई सूरज सिंह ने अरदास कर वाहेगुरु से चोला बदलने की आज्ञा मांगी। जिसके पश्चात गुरु घर के सेवक हरविंदर सिंह मिढ़ा ने निशान साहब को नया चोला पहनाया।
निशान साहिब के चोला बदलने के क्रम में साध संगत लगातार वाहेगुरु जी का जाप करते रहे। वहीं, अंत में वाहेगुरु का शुकराना मनीष मिढ़ा ने अरदास कर किया।
विशेष दीवान इनकी रही भागिदारी….
विशेष दीवान में सुंदर दास मिढ़ा, हरगोविंद सिंह, सुरेश मिढ़ा, अशोक गेरा, चरणजीत मुंजाल, नरेश पपनेजा,अनूप गिरधर, बिनोद सुखीजा, मोहन काठपाल, वेद प्रकाश मिढ़ा,अमरजीत गिरधर,जीवन मिढ़ा, राजकुमार सुखीजा, हरीश मिढ़ा, बसंत काठपाल, सुंदर दास, महेंद्र अरोड़ा, पुरुषोत्तम सरदाना, रमेश पपनेजा, इंदर मिढ़ा, महेश सुखीजा,आशु मिढ़ा,नवीन मिढ़ा,अश्विनी सुखीजा, कमल मुंजाल, राकेश गिरधर,
रमेश गिरधर, ललित गखड़, उमेश मुंजाल, ईशान काठपाल, किशन गिरधर, हरीश अरोड़ा, अमरजीत सिंह मुंजाल, कमल अरोड़ा, सुरजीत मुंजाल, राजेंद्र मक्कड़, राकेश घई, विनोद मालाकार, सुशील पपनेजा, हरीश मुंजाल, प्रवीण मुंजाल, सोनू मिढ़ा, किशोर चूचरा समेत अन्य की भागिदारी रही।