पीएमएलए की विशेष कोर्ट में शुक्रवार को पूर्व मंत्री सह कांग्रेस के वरिष्ट विधायक आलमगीर आलम की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने आलमगीर आलम की जमानत याचिका को खारिज कर दिया हैं। दरअसल टेंडर घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में पूर्व मंत्री सह कांग्रेस विधायक आलमगीर आलम 15 मई से जेल में बंद है।
इससे पूर्व बीते बुधवार को आलमगीर आलम के वकील ने बहस पूरी कर ली थी। जिसके बाद ईडी ने आज पीएमएलए कोर्ट में अपना पक्ष रखा। ईडी ने इस पूरे प्रकरण में मुख्य सूत्रधार आलमगीर आलम को बताया हैं। और कोर्ट से कहा कि आलमगीर आलम को जमानत प्रदान नहीं किया जायेगा। वे झारखंड से कांग्रेस के बड़े नेता हैं। जमानत मिलने के बाद अपने प्रभाव से केस को प्रभावित करेगे। इस दौरान कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस को सुना। जिसके बाद जमानत याचिका खारिज कर दी गयी।
बता दें कि ईडी ने पूर्व मंत्री आलमगीर आलम को पीएस संजीव लाल के ठिकाने से मिले 32 करोड़ 20 लाख रुपये कैश मामले में पूछताछ के लिए समन किया था। जिसमें ईडी ने टेंडर मैनेज करने से लेकर कमीशन तक के खेल में मंत्री आलमगीर आलम की संलिप्तता को आधार बताकर पूछताछ की। ईडी ने 14 मई को तरीबन नौ घंटे की पूछताछ के बाद फिर से दूसरे दिन 15 मई को उन्हें बुलाया था। ईडी ने इसी दिन यानी 15 मई को देर शाम आलमगीर आलम से पूछताछ के क्रम में ही गिरफ्तार कर लिया था। जिसके बाद ईडी ने इस सिलसिले में पूर्व मंत्री सह विधायक आलमगीर आलम को 14 दिनों तक रिमांंड में लेकर भी पूछताछ कर चुकी हैं। तब से लेकर अबतक आलमगीर आलम न्यायिक हिरासत में होटवार जेल में बंद हैं।