सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया को जमानत दे दी हैं। न्यायमूर्ति बी.आर गवई और न्यायमूर्ति के. वी विश्वनाथन की खंडपीठ ने फैसला सुनाया हैं। जिसके बाद दिल्ली शराब घोटाले में 16 महीने से अधिक समय तक जेल में बंद मनीष सिसोदिया को बड़ी राहत मिली है। उन्हें 10 लाख के निजी मुचलके पर जमानत प्रदान की गयी हैं।
ज्ञात हो कि इससे पहले मनीष सिसोदिया ने दिल्ली हाई कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया था। दरअसल सिसोदिया पर आबकारी नीति में गड़बड़ी के आरोप हैं। वहीं, कोर्ट ने मंगलवार को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। जिसको आज सुनाया गया हैं।
बता दें कि मनीष सिसोदिया की ( जो अब रद्द की जा चुकी) दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के निर्माण व कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं में संलिप्तता मामले में 26 फरवरी, 2023 को गिरफ्तारी हुई थी। ईडी ने उन्हें नौ मार्च 2023 को सीबीआई की प्राथमिकी से जुड़े धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया था। जिसके बाद सिसोदिया ने 28 फरवरी, 2023 को दिल्ली मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। इस दौरान सिसोदिया को करीब 16 महीने तक जेल के अंदर रहना पड़ा। हालांकि बीच-बीच में उन्हें अपनी पत्नी के खराब स्वास्थ्य के चलते पेरोल भी दी गई थीं।
सिसोदिया को शर्तें के साथ मिली जमानत…..
सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को कुछ शर्तें के साथ जमानत दी हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार सिसोदिया को अपना पासपोर्ट जमा करना होगा। इसके साथ ही आप के नेता मनीष सिसोदिया देश छोड़कर बाहर नहीं जा सकते हैं। वहीं, मनीष सिसोदिया को हर सोमवार थाने में हाजिरी लगानी होगी।