लोगों को समय से न्याय दिलाना जरूरी है। अंतिम पंक्ति में बैठे लोगों तक इससे ले जाना सुनिश्चत करना होगा। यह बातें चीफ जस्टिस बिद्युत रंजन सारंगी ने शनिवार को ऑनलाइन राष्ट्रीय लोक अदालत के उद्घाटन समारोह में कहीं। उन्होंने कहा कि कोर्ट में मामलों के निष्पादन प्रक्रिया में थोड़ी देरी होती है। जिसके वजह से याचिका दाखिल करने वाला व्यक्ति विचलित हो जाता हैं। लेकिन उससे न्याय जरुर मिलता है। हम सब की नैतिक जिम्मेवारी हैं कि लोगों के समस्या का समाधान करें। लोगों को झालसा मध्यस्थता के जरिये न्याय सुनिश्चत करता हैं। उन्होंने झालसा के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस सुजीन नारायण प्रसाद की सराहना करते हुये कहा कि उनके मार्गदर्शन में झालसा अच्छा काम कर रहा हैं। इससे आगे बढ़ाने की जरुरत हैं।
वहीं, इससे पूर्व झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बिद्युत रंजन सारंगी रांची सिविल कोर्ट पहुंचे। उनकी अगुवाई रांची सिविल कोर्ट के प्रधान न्यायायुक्त दिवाकर पांडेय, झालसा सचिव रंजना अस्थाना, सिविल कोर्ट बार एसोसिएशन अध्यक्ष शंभु अग्रवाल, महासचिव संजय विद्रोही और डीसी रांची राहुल कुमार सिन्हा समेत अन्य पदाधिकारियों ने की।
जिसके बाद चीफ जस्टिस ने कोर्ट परिसर में लगे राष्ट्रीय लोक अदालत का निरीक्षण किया। इसके साथ ही सुलह करवा रहे वकीलों से बातचीत कर वास्तु स्थिती से अवगत हुये। वहीं, चीफ जस्टिस के साथ झालसा के अध्यक्ष जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस संजय द्विवेदी भी मौजूद थे।